अकबर महान के बारे में पूरी जानकारी – जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर ( Jalal-ud-din Muhammad Akbar ) को अकबर महान के नाम से जानते हैं।
जन्म व प्रारंभिक जीवन –
अकबर का जन्म 15 अक्टूबर 1542 ईo को हमीदा बानू बेगम ( उपाधि : मरियम मकानी ) के गर्भ से अमरकोट के राजा वीरसाल के महल में हुआ था। हुमायूँ अकबर को उसकी धाय माँ के पास छोड़कर ईरान चला गया था। 1546 में अकबर का अपने माता-पिता से पुनर्मिलन हुआ। अकबर का शिक्षक अब्दुल लतीफ़ एक ईरानी विद्वान था। 1551 ईo में अकबर का विवाह हिन्दाल की पुत्री रुकैया बेगम से हुआ था।
राज्याभिषेक –
हुमायूँ की मृत्यु के समय अकबर पंजाब में गुरदासपुर के कलानूर में था। यहीं पर 14 फरवरी 1556 ईo को अकबर का राज्याभिषेक ईंटों के बने सिंघासन पर बैरमखां की देखरेख में अबुल कासिम ने किया। जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर बादशाही गाजी की उपाधि के साथ शासक बना। इस राज्याभिषेक का विरोध अबुल माली ने किया था। 1556 से 1560 तक बैरमखां इसका संरक्षक रहा।
पानीपत की दूसरी लड़ाई (5 नवंबर 1556 ईo)-
यह युद्ध अकबर और आदिलशाह के सेनापतियों के बीच हुआ। इसमें अकबर की ओर से बैरम खां और आदिलशाह की ओर से हेमू ने युद्ध में नेतृत्व किया। इस युद्ध से पूर्व ही हेमू आगरा व दिल्ली पर कब्ज़ा कर चुका था। इस युद्ध का प्रत्यक्षदर्शी इतिहासकार आरिफ कंदहारी था।
हल्दीघाटी का युद्ध (18 जून 1576 ईo)-
यह युद्ध मेवाड़ के शासक महाराणा प्रताप और मुग़ल सेनापति मानसिंह, आसफखां के बीच हुआ। मेवाड़ ही एक ऐसी रियासत थी जिसने अकबर के सामने कभी आत्मसमर्पण नहीं किया। अबुल फजल ने इसे खमनौर का युद्ध और बदायूंनी ने इसे गोगुन्दा की लड़ाई कहा। बदायूँनी इस युद्ध में एक सैनिक के रूप में सम्मलित हुआ। बीदा झाला ने महाराणा प्रताप को युद्ध से सुरक्षित निकालने के लिए उनका मुकुट स्वयं धारण कर लिया। इस युद्ध में अकबर की जीत हुयी। परन्तु वे महाराणा को पकड़ नहीं पाए। राणा अरावली की पहाड़ियों में चले गए और मुगलों से छापामार युद्ध करते रहे। राणा ने चित्तौड़ को छोड़कर मेवाड़ के अधिकांश भाग को पुनर्विजत कर लिया। 57 वर्ष की अवस्था में 19 जनवरी 1597 ईo को महाराणा की मृत्यु हो गयी।
अकबर महान द्वारा जीते गए प्रदेश
प्रदेश | शासक | वर्ष | मुग़ल सेनापति |
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मालवा | बाज बहादुर | 1561 | अधम खां व पीर मुहम्मद |
चुनार | अफगानों का शासक | 1562 | अब्दुल्ला खां |
गोंडवाना | वीरनारायण व दुर्गावती | 1564 | आसफ खां |
आमेर | भारमल | 1562 | |
मेड़ता | जयमल | 1562 | सरफुद्दीन |
रणथम्भौर | सुरजन हाड़ा | 1569 | भगवान दास व अकबर |
कालिंजर | रामचंद्र | 1569 | मजनू खां काकशाह |
मारवाड़ | राव चंद्रसेन | 1570 | |
जैसलमेर | रावल हरिराय | 1570 | |
बीकानेर | कल्याण मल | 1570 | |
गुजरात | मुजफ्फर खां तृतीय | 1571 | अकबर |
बिहार व बंगाल | दाऊद खां | 1574-76 | मुनीम खां खानखाना |
काबुल | हकीम मिर्जा | 1581 | मानसिंह व अकबर |
कश्मीर | यूसुफ याकूब खां | 1586 | भगवान दास व कासिम खां |
खानदेश | अली खां | 1591 | |
उड़ीसा | निसार खां | 1592 | मानसिंह |
सिंध | जानी बेग | 1593 | अब्दुर्रहीम खानखाना |
बलूचिस्तान | पन्नी अफगान | 1595 | मीर मासूम |
कांधार | मुजफ्फर हुसैन | 1595 | शाह बेग |
दौलताबाद | चाँदबीबी | 1599 | मुराद, अब्दुर्रहीम खानखाना, अबुल फजल, अकबर |
अहमदनगर | बहादुरशाह व चाँदबीबी | 1600 | |
असीरगढ़ | मीरन बहादुर | 1601 | अकबर (अंतिम अभियान) |
अकबर के द्वारा किये गए महत्वपूर्ण कार्य
कार्य | वर्ष |
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दास प्रथा का अंत | 1562 |
अकबर को हरमदल से मुक्ति | 1562 |
तीर्थयात्रा कर की समाप्ति | 1563 |
जजिया कर समाप्त | 1564 |
फतेहपुर सीकरी की स्थापना | 1571 |
राजधानी का आगरा से फतेहपुर सीकरी स्थानांतरण | 1571 |
इबादतखाने की स्थापना | 1575 |
इबादतखाने के द्वार सभी धर्मों के लिए खोल दिए | 1578 |
मजहर की घोषणा | 1579 |
दिन ए इलाही की स्थापना | 1582 |
इलाही संवत की शुरुवात | 1583 |
राजधानी लाहौर स्थानांतरण | 1585 |
अकबर के दरबार के नवरत्न :-
1.अबुल फजल, 2.फैजी, 3.बीरबल, 4.तानसेन, 5.अब्दुर्रहीम खानखाना, 6.मानसिंह, 7.टोडरमल, 8.मुल्ला दो प्याजा, 9.फ़कीर अजीउद्दीन
मृत्यु –
1605 ईो के अकबर अतिसार/पेचिस रोग से ग्रसित हो गया। अंत में 26 अक्टूबर 1605 ईo को उसकी मृत्यु हो गयी। उसे आगरा से कुछ दूरी पर स्थित सिकंदरा में दफनाया गया। औरंगजेब के समय मथुरा के विद्रोही जाटों ने अकबर की कब्र खोदकर उसकी अस्थियों को हिंदू रीति रिवाज से जला दिया। अकबर अपने अंतिम समय में सलीम के पुत्र खुशरो को अपना उत्तराधिकारी बनाना चाहता था। परन्तु सलाहकारों ने इसे चटगाई परंपरा के विरुद्ध बताया। हालाँकि आगे चलकर औरंगजेब ने इस परंपरा को तोड़ ही दिया।
महत्वपूर्ण तथ्य :-
- मक्का जाते हुए बैरम खां की हत्या पाटन नामक स्थान पर मुबारक खां ने कर दी।
- गुजरात विजय के दौरान अकबर ने पहली बार समुद्र देखा। इसी समय वह पहली बार पुर्तगालियों से मिला।
- इलाही धर्म को स्वीकार करने वाले पहले व अंतिम हिंदू राजा बीरबल थे।
- अकबर ने जैन आचार्य हरिविजय सूरी को जगत गुरु की उपाधि प्रदान की।
- अकबर ने शाही दरबार में सूर्य उपासना शुरू करवाई।
- टोडरमल ने 1580 ईo में दहसाला बंदोबस्त व्यवस्था लागू की।
- प्रसिद्ध संगीतकार तानसेन अकबर के ही दरबार में था।
- अब्दुस्समद अकबर के दरबार का प्रसिद्द चित्रकार था।
- दसवंत व बसावन भी अकबर के दरबार के चित्रकार थे।
- अकबर का राजकवि फैजी ( अबुल फजल के बड़े भाई ) था।
- अकबर ने तानसेन को कण्ठाभरण वाणीविलास की उपाधि दी थी।
- यूसुफ़जइयों के विद्रोह को दबाने के समय बीरबल की हत्या हो गयी।
- 1602 ईo में सलीम के कहने पर वीरसिंह बुंदेला ने अबुल फजल की हत्या कर दी।
- पंचतंत्र का फ़ारसी में अनुवाद अनवर ए सादात नाम से अबुल फजल ने किया।
- पंचतंत्र का फ़ारसी में अनुवाद यार ए दानिश नाम से मौलाना हुसैन फैज ने किया।
- अकबर काल को हिंदी साहित्य का स्वर्णकाल कहा जाता है।
- गुजरात विजय के उपलक्ष्य में अकबर ने बुलंद दरबाजा का निर्माण कराया।
- अकबर नक्कारा/नगाड़ा बजाता था।
- अकबर का पहला जीवनीकार बायजीद बयात था।