इंदिरा गाँधी का जीवन परिचय

इंदिरा गाँधी ( Indira Gandhi ) का जीवन परिचय – भारत की आयरन लेडी के नाम से मशहूर एवं आजाद भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा प्रियदर्शिनी गाँधी भारत की महान विभूतियों में से एक हैं। देश के लिए जीने और अखंड भारत के लिए मर मिटने का जो जज्बा इंदिरा में था उसे उन्होंने अपने अंतिम शब्दों तक निभाया। आइये जानते हैं इनके जीवन के बारे में :-

जन्म व प्रारंभिक जीवन –

इंदिरा गाँधी का जन्म 19 नवम्बर 1917 को ब्रिटिश भारत के इलाहबाद में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू व कमला नेहरू के घर हुआ। ये अपने माता पिता की इकलौती संतान थीं।

शिक्षा –

1934-35 में अपनी स्कूली शिक्षा पूर्ण करने के बाद इन्होंने शांतिनिकेतन में टैगोर द्वारा स्थापित विश्व भारती विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया। यहीं पर टैगोर ने ही इन्हे प्रियदर्शिनी नाम दिया। यहाँ से शिक्षा पूरी करने के बाद ये इंग्लैंड चली गयीं और वहां पर ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में भाग लिया परन्तु सफल न हो सकीं। 1936 ईo में इनकी माता कमला नेहरू का निधन हो गया।  बाद में 1937 ईo में परीक्षा में सफल हुईं और सोमरविल कॉलेज, ऑक्सफ़ोर्ड में प्रवेश ले लिया। यहीं पर इनकी मुलाकात फिरोज खान से हुयी जो कि लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में अध्ययन कर रहे थे।

वैवाहिक जीवन –

16 मार्च 1942 को इनका विवाह फिरोज खान/गाँधी से हुआ। उन्हीं से विवाह करने के बाद इन्हें गाँधी का उपनाम मिला इससे पूर्व इनका उपनाम नेहरू था। शादी के बाद 20 अगस्त 1944 को इनके एक पुत्र राजीव गाँधी का जन्म हुआ और इसके बाद 14 दिसंबर 1946 को दूसरे पुत्र संजय गाँधी का जन्म हुआ।

राजनीतिक जीवन –

  • पिता जवाहर लाल नेहरू की मृत्यु के बाद 1964 ईo में इनकी नियुक्ति एक राज्यसभा सदस्य के रूप में हुयी।
  • लालबहादुर शास्त्री के प्रधानमंत्री काल में ये सूचना व प्रसारण मंत्री बनी।
  • 22 अगस्त 1967 से 14 मार्च 1969 तक भारत की विदेश मंत्री भी रहीं।
  • 16 जुलाई 1969 से 27 जून 1970 तक भारत की वित्त मंत्री रहीं।
  • 27 जून 1970 से 4 फरवरी 1973 तक भारत की गृहमंत्री भी रहीं।
  • 30 नवम्बर 1975 से 20 दिसंबर 1975 तक भारत की रक्षामंत्री रहीं।
  • 24 जनवरी 1966 को इंदिरा भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री बनी और 24 मार्च 1977 तक पद पर रहीं।
  • 14 जनवरी 1980 से 15 जनवरी 1982 तक भारत की रक्षामंत्री भी रहीं।
  • 14 जनवरी 1980 को दूसरी बार प्रधानमंत्री बनी और 31 अक्टूबर 1984 ( मृत्यु की तिथि ) तक इस पद पर रहीं।
  • 9 मार्च 1984 से मृत्यु तक ये भारत की विदेश मंत्री भी रहीं।

1971 ईo के भारत पाक युद्ध की धारा ही पलट देने में इंदिरा का विशेष योगदान भारतीय इतिहास के पन्नों में दर्ज है।

मृत्यु –

इनकी हत्या 31 अक्टूबर 1984 ईo को इन्ही के सुरक्षाकर्मी बेअंत सिंह ( 3 गोलियाँ ) और सतवंत सिंह ( 25 गोलियाँ ) ने गोली मार कर कर दी। इसकी आशंका पहले से ही खूफिया एजेंसियों ने जताई थी और उनसे ये गुजारिश की थी कि सभी सिख सुरक्षाकर्मियों को उनके निवास स्थान से हटा दिया जाए। लेकिन जब ये फ़ाइल इंदिरा के पास पहुंची तो उन्होंने गुस्से से कहा Are Not We Secular ? ( क्या हम धर्मनिरपेक्ष नहीं हैं ? )।

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