सल्तनतकालीन साहित्य की उन्नति के लिए सल्तनतकालीन सुल्तानों ने विशेष कदम उठाये थे | उनके द्वारा विद्वानों के लिए गोष्ठियों का आयोजन किया जाता था | जिससे विद्वानों के बीच विचारों का आदान-प्रदान हो सके |
अरबी एवं फ़ारसी साहित्य –
इस काल में अरबी और फ़ारसी साहित्य की विशेष उन्नति हुई, सुल्तानों ने फारसी भाषा एवं साहित्य के विकास के लिए अनेक मकतबों का निर्माण करवाया था जहाँ फ़ारसी भाषा की विधिवत् शिक्षा प्रदान की जाती थी |अमीर खुसरो इस समय के महान कवि थे, उन्होनों लगभग 4 लाख छंदों की रचना की | इसी काल में अनेक संस्कृत ग्रंथों का फ़ारसी में अनुवाद भी हुआ | अलबरूनी की ‘तहकीक-ए-हिन्द’, जियाउद्दीन बरनी की ‘तारीख-ए-फीरोजशाही’, याहियाबिन अहमद सरहिन्दी की ‘तारीख-ए-मुबारकशाही’ तथा ख्वाजा-अबू-मालिक इसामी की ‘फुतुह-अल-सलातीन’ आदि इस काल की प्रसिद्ध फ़ारसी रचनायें हैं |
हिंदी साहित्य –
हिन्दी साहित्य का विकास भी इस काल में हुआ | इस काल में चन्द्रवरदाई ने पृथ्वीराज रासो, सारंगधर ने हम्मीर रासो, जगनिक ने आल्हाखण्ड की रचना की | विद्यापति ठाकुर, रघुनन्दन मिश्र, जयदेव आदि इस काल के महान लेखक थे | इसी काल में मीराबाई ने राजस्थानी , गुरुनानक ने पंजाबी तथा नामदेव ने मराठी साहित्य का सृजन किया |
संस्कृत साहित्य –
सल्तनत काल में संस्कृत भाषा एवं साहित्य का भी बहुत विकास हुआ | भाष्कराचार्य, विश्वनाथ और रवि वर्मन इस काल के महान विद्वान थे | इस काल में कृष्णदेवराय ने जाम्वती कल्याण, रामानुज ने ब्रह्मसूत्र, पार्थसारथी ने कर्म मीमांसा, विज्ञानेश्वर ने मिताक्षरा, गंगाधर ने गंगादास प्रताप विलास, जयचंद्र ने हम्मीर काव्य, कल्हण ने राजतरंगिणी की रचना की | संस्कृत साहित्य को मुख्यतः हिन्दू शासकों ने संरक्षण प्रदान किया |
उर्दू साहित्य –
हिन्दू और मुसलमानों के एक दूसरे के संपर्क में आने से एक नई भाषा उर्दू का जन्म हुआ | इसका प्रयोग हिन्दू और मुसलमान आम बोलचाल में करते थे | बाद में इसका साहित्यिक विकास हुआ | उर्दू साहित्य के विकास में अमीर खुसरो और मीर हसन देहलवी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया | सल्तनतकालीन सुल्तानों ने कोई विशेष प्रोत्साहन नहीं दिया |
सल्तनतकालीन साहित्यिक रचनायें एवं उनके लेखक-
ग्रन्थ का नाम | लेखक का नाम |
---|---|
तबकत-ए-नासिरी ( 1260 ) | मिन हज-उस-सिराज |
तारीख-ए-मुबारकशाही ( 1428-34 ) | याह्या इब्न अहमद सरहिन्दी |
तारीख-ए-मुहम्मदी ( 1438-39 ) | मुहम्मद बिहमद खान |
फतवाह-ए-जहांदारी, तारीख-ए-फीरोजशाही | जियाउद्दीन बर्नी |
तारीख-ए-फीरोजशाही | शम्स-ए-शिराज अफीफ |
ताज-उल-मासीर | हसन निजामी |
फुतुह-अल-सलातीन | ख्वाजा-अबु-मलिक इसामी |
तारीख-ए-सिंध ( तारिख-ए-मसूमी, 1600 ) | मीर मुहम्मद मसूम |
खजयान-उल-फुतुह, तुग़लकनामा, तारीख-ए-अलाई | अमीर खुसरो |
तहकीक-ए-हिन्द | अलबरूनी |
क़िताब-उर-रहलाह | इब्नबतूता |
तारीख-ए-यामिनी | उतबी |
जैन-उल-अखबर | आबू सईद |
तजकिरात-अल-औलिया | फरीद-अल-दीन-अल-अत्तार |
तारिख-ए-मसूमी | अबुल फज़ल, मुहम्मद बिन हुसैन-अल-बैहाकी |
तबकत-ए-अकबरी | निजामुद्दीन अहमद |
तारिख-ए-सलतीन-ए-अफ़गान | अहमद यादगार |
हवश-ए-कुफ़िआह | क़ाज़ी शिहाबुद्दीन |
मखजन-ए-अफ़गानी | निजामतुल्ला |
तारीख-ए-दाऊदी | अब्दुल्ला |
आइन-उल-मुल्की | आइन-उल-मुल्क |
मुनशत-ए-महरु | मुलतानी |
इर्शाद, बद-उल-बयान | दौलताबादी |
शास्त्र दीपिका, कर्म मीमांसा | पार्थसार्थी |
लुबाते-उल-अल्वाब, जवानी-उल-हिकायत, वा लवामी-उल-रिवायत | नुरुद्दीन |
कृष्ण चरित, प्रताप रुद्रदेव, यशोभूषण | अगस्त्य |
रुक्मिणी कल्याण | विद्याचक्रवर्तिन |
नरकासुर विजय | मधान |
पार्वती परिणय | वामनभट्ट बाण |
दुर्गाभक्ति तरंगिणी | विद्यापति |
शंकर विजय | विद्यारण्य |
हम्मीर काव्य | नयन चन्द्र |
नारायण विलास | राजा विरुपाक्ष |
गंगादास प्रताप विलास | गंगाधर |
जाम्वती कल्याण | कृष्णदेवराय |
हम्मीर मान मर्दन | जयसिंह सूरी |
गीत गोविन्द | जयदेव |
ब्रह्मसूत्र | रामानुज |
मिताक्षरा | विज्ञानेश्वर |
पृथ्वीराज रासो | चन्द्रबरदाई |
हम्मीर रासो, हम्मीर काव्य | सारंगधर |
आल्हा खंड | जगनिक / जगनायक |
पद्मावत | मलिक मुहम्मद जायसी |
राजतरंगिणी | कल्हण |
बीसल देव रासो | नरपति नाल्ह / नरपतिनाथ |
द्वितीय राजतरंगिणी | जोनाराज |
तृतीय राजतरंगिणी | श्रीवास |
राजविनोद | उदयराज |
विजयपाल रासो | नाथ सिंह |
चंदावत | मुल्ला दाऊद |
मृगावत | कुतबन |
मदुमालती | मंजान |