मौलाना अबुल कलाम आजाद का जीवन परिचय

मौलाना अबुल कलाम आजाद का जीवन परिचय – मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ( Maulana Abul Kalam Azad ) स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री, राजनेता, मुस्लिम विद्वान, कवि, हिंदू-मुस्लिम एकता के समर्थक और भारत के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और एक मजबूत कांग्रेसी नेता के रूप में संपूर्ण भारत में जाने जाते हैं। वे गाँधी जी और उनकी अहिंसावादी विचारधारा के अनुयायी थे, उन्होंने देश में धार्मिक सद्भाव के लिए काम किया। इनके जन्म दिवस 11 नवम्बर को सम्पूर्ण भारत में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है। आइये जानते हैं इनके जीवन के बारे में कुछ प्रमुख तथ्य :-

जन्म व प्रारंभिक जीवन-

अबुल कलाम आजाद का असली नाम अबुल कलाम गुलाम मुहीउद्दीन अहमद या फिरोज बक्श था। इनका जन्म 11 नवम्बर 1888 ईo को मक्का में हुआ था। इनकी माता का नाम आलिया था, जो मदीना के शेख मोहम्मद जाहिर वत्री की भतीजी थीं और पिता का नाम मोहम्मद खैरुद्दीन था जो अफगान उलमाओं के खानदान से वास्ता रखते थे, बाबर के समय में हेरात से भारत आ कर बस गए थे। इनके पिता 1857 क्रांति के समय भारत छोड़कर मक्का चले गए और 1890 ईo में भारत बापस आ गए। 1899 ईo में इनकी माता का देहांत हो गया। 

शिक्षा –

इनकी प्रारंभिक शिक्षा इस्लामी तौर तरीके से शुरू हुयी। कम उम्र पर ही इन्हें अच्छी शिक्षा प्राप्त हो गयी थी। इसके सिवाय इन्हें गणित, इतिहास और दर्शनशास्त्र की भी शिक्षा प्राप्त हुयी। इन्होंने अंग्रेजी स्वाध्याय से सीखी और मौलाना आजाद न सिर्फ हिंदी व उर्दू बल्कि अरबी और फ़ारसी के भी अच्छे विद्वान थे।  

वैवाहिक जीवन –

13 वर्ष की काम आयु में ही इनका विवाह जुलेखा बेगम से कर दिया गया।

क्रांतिकारी जीवन –

ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ छिड़ी जंग में मौलाना आजाद भी एक अहम क्रांतिकारी थे। ये अंत तक देश के विभाजन के कट्टर विरोधी रहे। साथ ही देश में बढ़ रही साम्प्रदायिकता के सबसे कट्टर विरोधी थे। 1912 ईo में कलकत्ता से उर्दू भाषा की एक पत्रिका अल हिलाल पके माध्यम से देश की जनता का मार्गदर्शन किया। 1914 ईo में अल हिलाल को बैन कर दिया गया तब इन्होने अल-बलाघ नाम से पत्रिका निकाली जो अल हिलाल का ही उद्देश्य पूरा करने के माध्यम से स्थापित की गयी थी। 

कांग्रेसी नेता के रूप में –

मौलाना आजाद का नाम कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार है। कांग्रेस के 1923 ईo के दिल्ली अधिवेशन की अध्यक्षता करने वाले कांग्रेस के सबसे युवा अध्यक्ष बने। 

मृत्यु –

इनकी मृत्यु 22 फरवरी 1958 को नई दिल्ली में दिल का दौरा पड़ने से हो गयी।

आजादी के बाद –

देश आजाद होने के बाद 15 अगस्त 1947 को मौलाना आजद को स्वतंत्र भरत का पहला शिक्षा मंत्री बनाया गया। और इस पद पर वे 22 जनवरी 1958 तक रहे। इन्हें ही भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान ( IIT ) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ( University Grant Commission ) की स्थापना का श्रेय जाता है। इन्होंने 1953 ईo में संगीत नाटक अकादमी, 1954 ईo में साहित्य अकादमी और 1954 ईo में ही ललित कला अकादमी की स्थापना भी की।

सम्मान/पुरस्कार/उपलब्धियां –

  • इनके जन्म दिवस 11 नवम्बर को भारत सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की।
  • 1989 ईo में भारत सरकार ने इनके जन्मदिवस पर देश में शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु “मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन” की स्थापना की।

Leave a Comment