भारतीय संविधान के प्रमुख अनुच्छेद

भारतीय संविधान के प्रमुख अनुच्छेद – भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। वर्तमान में इसमें 25 भाग एवं 12 अनुसूचियाँ और 395 अनुच्छेद हैं। जिनमें से कुछ प्रमुख अनुच्छेद यहाँ दिए गये हैं। जो निम्न प्रकार हैं –

अनुच्छेद – 1 

यह घोषणा करता है कि भारत राज्यों का संघ है।

अनुच्छेद – 2 

नए राज्यों का प्रवेश व स्थापना

अनुच्छेद – 3

संसद विधि द्वारा नए राज्यों का निर्माण व पहले से व्यवस्थित राज्यों के क्षेत्र, सीमाओं और नाम के परिवर्तन कर सकती है।

अनुच्छेद – 12 से 35 ( मूल अधिकार )
 

अनुच्छेद – 36 से 51 ( राज्य की नीति के निदेशक तत्व )

अनुच्छेद – 51 क मूल कर्तव्य )

अनुच्छेद – 52

भारत का एक राष्ट्रपति होगा।

अनुच्छेद – 53

संघ की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित होगी

अनुच्छेद – 54 

राष्ट्रपति का निर्वाचन

अनुच्छेद – 55 

राष्ट्रपति के निर्वाचन की नीति

अनुच्छेद – 60 

राष्ट्रपति की शपथ ( संविधान के परिरक्षण, संरक्षण और प्रतिरक्षण की शपथ )

अनुच्छेद – 61

राष्ट्रपति पर महाभियोग 

अनुच्छेद – 63 

 भारत का एक उपराष्ट्रपति होगा 

अनुच्छेद – 64

उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन ( पद पर रहने तक ) अध्यक्ष होगा।

अनुच्छेद – 74

राष्ट्रपति की सलाह व सहायता हेतु एक मंत्रिपरिषद होगी, जिसका प्रधान प्रधानमंत्री होगा।

अनुच्छेद – 75 

प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति करेगा और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह पर करेगा।

अनुच्छेद – 76

राष्ट्रपति द्वारा महान्यायवादी की नियुक्ति की जाएगी।

अनुच्छेद – 79 

संसद का गठन

अनुच्छेद – 80 

राजयसभा की संरचना

अनुच्छेद – 81 

लोकसभा की संरचना

अनुच्छेद – 86 

राष्ट्रपति द्वारा संसद को सन्देश भेजने तथा उसे संबोधित करने के अधिकार का उल्लेख।

अनुच्छेद – 102 

संसद सदस्यों की अयोग्यता पर निर्णय।

अनुच्छेद – 108

किसी विधेयक के संबंध में संसद के दोनों सदनों में हुए गतिरोध की स्थिति में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक बुलाने का प्रावधान।

अनुच्छेद – 110

इस अनुच्छेद में धन विधेयक को परिभाषित किया गया है।

अनुच्छेद – 111

संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयक की स्वीकृति अस्वीकृति या पुनर्विचार हेतु लौटाने की राष्ट्रपति की शक्तियाँ।

अनुच्छेद – 112

प्रत्येक वित्तीय वर्ष हेतु राष्ट्रपति द्वारा संसद के समक्ष बजट (वार्षिक वित्तीय विवरण) प्रस्तुत किया जाता है।

अनुच्छेद – 123

संसद के अवकाश या संसद न चलने की स्थिति में राष्ट्रपति द्वारा अध्यादेश जारी करने की शक्ति।

अनुच्छेद – 124

सर्वोच्च न्यायालय के गठन का वर्णन।

अनुच्छेद – 126 

कार्यकारी मुख्य न्यायमूर्ति की नियुक्ति

अनुच्छेद – 129

सर्वोच्च न्यायालय का एक अभिलेख न्यायालय के रूप में वर्णन करता है।

अनुच्छेद – 143 

राष्ट्रपति की न्यायिक शक्तियाँ

अनुच्छेद – 148

नियंत्रक व महालेखा परीक्षक की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी।

अनुच्छेद – 163

राज्यों के राज्यपाल की सहायता व सुझाव हेतु एक मंत्रिपरिषद जिसका प्रमुख मुख्यमंत्री होगा, का प्रबन्ध

अनुच्छेद – 169

राज्यों में विधान परिषदों की रचना व समाप्ति सम्बन्धी उपबंध

अनुच्छेद – 200

राज्यों की विधायिका द्वारा पारित विधेयकों के संबंध में राज्यपाल के विशेषाधिकार।

अनुच्छेद – 213

राज्यपाल द्वारा अध्यादेश जारी करने का अधिकार।

अनुच्छेद – 214

सभी राज्यों हेतु उच्च न्यायालयों की व्यवस्था संबंधी उपबंध

अनुच्छेद – 215 

उच्च न्यायालय का अभिलेखीय न्यायालय होना

अनुच्छेद – 226

मूल अधिकारों के प्रवर्तन हेतु उच्च न्यायालय को लेख जारी करने का अधिकार व शक्तियाँ।

अनुच्छेद – 233

जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा उच्च न्यायालय के परामर्श पर की जाएगी।

अनुच्छेद – 235

अधीनस्थ न्यायालयों पर उच्च न्यायालय का नियंत्रण रहेगा।

अनुच्छेद – 239

केंद्र शासित राज्यों का प्रशासन राष्ट्रपति द्वारा होगा। यदि वह चाहे तो पड़ोस के किसी राज्य के राज्यपाल को इसका उत्तरदायित्व सौंप सकता है या किसी प्रशासक की नियुक्ति कर सकता है।

अनुच्छेद – 245

संसद संपूर्ण देश या इसके किसी हिस्से के लिये और विधानपालिका अपने संपूर्ण राज्य या उसके किसी हिस्से के लिए कानून बना सकती है।

अनुच्छेद – 248

विधि निर्माण सम्बन्धी अपशिष्ट शक्तियां संसद के पास निहित हैं।

अनुच्छेद – 249

अपने विशेष बहुमत द्वारा राज्यसभा राज्य सूची के किसी विषय जिसे वह राष्ट्रहिट में समझे पर लोकसभा को एक वर्ष के लिए कानून बनाने हेतु अधिकृत कर सकती है।

अनुच्छेद – 262

अंतर्राष्ट्रीय नदियों या नदी घाटियों के जल के वितरण और नियंत्रण से सम्बंधित विवादों पर संसद विधि द्वारा निर्णय कर सकती है।

अनुच्छेद – 266

भारत की संचित निधि से विधि सम्मत प्रक्रिया के बिना कोई भी राशि नहीं निकाली जा सकती है।

अनुच्छेद – 267

संसद विधि द्वारा एक आकस्मिक निधि की स्थापित कर सकती है।

अनुच्छेद – 275

केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को सहायक अनुदान दिए जाने का प्रावधान।

अनुच्छेद – 280

राष्ट्रपति हर 5 वें वर्ष एक वित्त आयोग की व्यवस्था करेगा जो राष्ट्रपति के पास केंद्र व राज्यों के बीच करों के वितरण के संबंध में अनुशंसा करेगा।

अनुच्छेद – 300 क

राज्य किसी भी व्यक्ति को उसकी संपत्ति से वंचित नहीं करेगा। यह 44 वें संविधान संशोधन के तहत स्थापित किया गया। इससे पहले यह मूल अधिकार के अंतर्गत था।  

अनुच्छेद – 312

राज्यसभा विशेष बहुमत द्वारा नई अखिल भारतीय सेवाओं की स्थापना की अनुशंसा कर सकती है।

अनुच्छेद – 315

संघ एवं राज्यों हेतु एक लोकसेवा आयोग की स्थापना की जाएगी।

अनुच्छेद – 324

चुनाव के पर्यवेक्षण, निर्देशन व नियंत्रण की समस्त शक्तियाँ चुनाव आयोग में निहित रहेंगी।

अनुच्छेद – 326

लोकसभा और राज्यों की विधान सभाओं में चुनाव वयस्क मताधिकार के आधार पर होगा।

अनुच्छेद – 331

यदि राष्ट्रपति समझे कि लोकसभा में आंग्ल-भारतीय समुदाय का उचित प्रतिनिधित्व नहीं है। तो वह लोकसभा में इनका मनोनयन कर सकता है।

अनुच्छेद – 332

अनुसूचित जातियों व जनजातियों का विधान सभाओं में आरक्षण का प्रावधान।

अनुच्छेद – 333 

आंग्ल-भारतीय समुदाय का राज्यों की विधान सभाओं में मनोनयन

अनुच्छेद – 335

अनुसूचित जातियों व जनजातियों एवं पिछड़े वर्गों के लिए विभिन्न सेवाओं में पदों पर आरक्षण का प्रावधान।

अनुच्छेद – 343

संघ की आधिकारिक भाषा देवनागरी में लिखी ‘हिंदी’ होगी।

अनुच्छेद – 351

हिंदी भाषा के विकास के लिए निर्देश – संघ का यह कर्तव्य होगा कि वह हिंदी भाषा का प्रसार व उत्थान करे।

अनुच्छेद – 352

राष्ट्रपति द्वारा आपात स्थिति की घोषणा करना। यदि भारत या उसके किसी क्षेत्र की सुरक्षा युद्ध, बाह्य आक्रमण या सैन्य विरोध के फलस्वरूप खतरे में हो।

अनुच्छेद – 356

संवैधानिक तंत्र विफल हो जाने कीस्थिति में किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करना।

अनुच्छेद – 360

वित्तीय आपात लागू करना।

अनुच्छेद – 365

केंद्र द्वारा किसी राज्य को भेजे गए कार्यकारी निर्देश को पूरा न कर पाने की स्थिति में राष्ट्रपति शासन लागू करना।

अनुच्छेद – 368

संसद को संविधान की किसी अनुच्छेद में संशोधन करने का अधिकार।

अनुच्छेद – 370

जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार का प्रावधान।

अनुच्छेद – 394 क 

राष्ट्रपति अपने अधिकार के अंतर्गत संविधान का हिंदी में अनुवाद करवाएगा।

अनुच्छेद – 395

भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम – 1947, भारत सरकार अधिनियम – 1953, तथा इसके अन्य पूरक अधिनियमों को जिसमें प्रिवी कौंसिल क्षेत्राधिकार अधिनियम शामिल नहीं है, यहाँ रद्द किया जाता है।

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