दर्शन शास्त्र

षड्दर्शन – छः प्राचीन भारतीय दर्शन

षड्दर्शन उन भारतीय दार्शनिक एवं धार्मिक विचारों के मंथन का परिपक्व परिणाम है जो हजारों वर्षो के चिन्तन से उतरा और वैदिक (हिन्दू) दर्शन के नाम से प्रचलित हुआ। दर्शन और उनके प्रणेता निम्नलिखित हैं – षडदर्शनों को ‘आस्तिक दर्शन’ कहा जाता है। वे वेद की सत्ता को मानते हैं। हिन्दू दार्शनिक परम्परा में विभिन्न प्रकार के आस्तिक दर्शनों के […]

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भारतीय दर्शन के सम्प्रदाय

भारतीय दर्शन के सम्प्रदाय (The Schools of Indian Philosophy)

भारतीय दर्शन के सम्प्रदाय (The Schools of Indian Philosophy) – भारतीय दार्शनिक सम्प्रदायों को दो वर्गों में विभाजित किया गया है। वे इस प्रकार हैं – आस्तिक (Orthodox) और नास्तिक (Heterodox)। आस्तिक (Orthodox) – जो दर्शन वेदों की प्रामाणिकता में विश्वास करता है। वह आस्तिक दर्शन की श्रेणी में आता है। इस दृष्टि से भारतीय

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चार आर्य सत्य

चार आर्य सत्य (The Four Noble Truths)

चार आर्य सत्य (चत्वारि आर्यसत्यानि) क्या हैं – महात्मा बुद्ध निरर्थक दार्शनिक वादविवादों से दूर रहे। उन्होंने निर्वाण-प्राप्ति के बाद भी मानव-कल्याण के लिए स्वयं को सांसारिक समस्याओं में लगाया। वास्तव में महात्मा बुद्ध कोई दार्शनिक नहीं थे, बल्कि एक अत्यन्त व्यवहारिक समाज सुधारक थे। ज्ञान प्राप्ति के बाद महात्मा बुद्ध ने सर्वप्रथम अपना उपदेश

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दर्शन क्या है ? दर्शन का अर्थ एवं परिभाषा (What is Philosophy)

दर्शन क्या है ? दर्शन का अर्थ एवं परिभाषा (What is Philosophy) – दर्शन शास्त्र को पश्चिम में ‘फिलॉसफी‘ (Philosophy) कहते हैं।

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सिख धर्म या सिख सम्प्रदाय के दस गुरु

सिख धर्म या सिख सम्प्रदाय के दस गुरु : गुरु नानक, अंगद, अमरदास, रामदास, अर्जुनदेव, हरगोविंद, हरराय, हरिकिशन, तेगबहादुर, गोविंद सिंह

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