भारतीय दर्शन के सम्प्रदाय

भारतीय दर्शन के सम्प्रदाय (The Schools of Indian Philosophy)

भारतीय दर्शन के सम्प्रदाय (The Schools of Indian Philosophy) – भारतीय दार्शनिक सम्प्रदायों को दो वर्गों में विभाजित किया गया है। वे इस प्रकार हैं – आस्तिक (Orthodox) और नास्तिक (Heterodox)।

आस्तिक (Orthodox) – जो दर्शन वेदों की प्रामाणिकता में विश्वास करता है। वह आस्तिक दर्शन की श्रेणी में आता है। इस दृष्टि से भारतीय दर्शन में छः दर्शनों को आस्तिक दर्शन कहा जाता है। इन्हें ‘षड्दर्शन’ भी कहा जाता है। ये दर्शन किसी-न-रूप में वेदों पर आधारित हैं। इस प्रकार आस्तिक का अर्थ हुआ ‘वेद का अनुयायी’।

वे हैं –

  • (१) न्याय
  • (२) वैशेषिक
  • (३) सांख्य
  • (४) योग
  • (५) मीमांसा
  • (६) वेदांत

नास्तिक (Heterodox) – जो दर्शन वेदों को प्रमाण नहीं मानता है। वह नास्तिक दर्शन कहलाता है। नास्तिक का अर्थ है ‘वेद का विरोधी’। चार्वाक, जैन और बौद्ध दर्शनों को नास्तिक दर्शन के अंतर्गत रखा जाता है। इस प्रकार तीन नास्तिक दर्शन हैं। इन दर्शनों को नास्तिक दर्शन इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये वेद की निन्दा करते हैं, ‘नास्तिको वेदनिन्दकः‘। चार्वाक दर्शन को ‘नास्तिक शिरोमणि‘ की व्यंग उपाधि से विभूषित किया गया है।

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