भारत रत्न पुरस्कार पर प्रश्नोत्तरी वीडियो
भारत रत्न (Bharat Ratna) के बारे में जानकारी – देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न की शुरुआत 2 जनवरी 1954 को तात्कालिक राष्ट्रपति डाo राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गयी थी। यह देश का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार है। इसके बाद पद्म पुरस्कारों में क्रमशः पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री का क्रम आता है। यह भारत का सर्वोच्च सम्मान है पर ऐसा कोई प्रतिबन्ध नहीं कि यह भारतीयों को ही दिया जाए। यह किसी विदेशी को भी दिया जा सकता है और अब तक ऐसा दो बार किया भी जा चुका है। पहली बार 1987 में अब्दुल गफ्फार खां को देकर और दूसरी बार 1990 में नेल्सन मंडेला को देकर।
पहले यह पुरस्कार केवल कला, विज्ञान, साहित्य और सार्वजानिक सेवाओं के क्षेत्र में ही प्रदान किया जाता था परन्तु 2011 से इसे किसी भी क्षेत्र में किये गए विशेष, उत्कृष्ट, अभूतपूर्व और अविश्वसनीय योगदान हेतु दिया जाता है। इस पुरस्कार को देते वक्त किसी भी प्रकार का जाति, धर्म, नस्ल या लिंग भेद नहीं किया जाता। अब तक यह सम्मान 43 पुरुषों और 5 स्त्रियों को दिया जा चुका है। यह पुरस्कार 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार के तहत किसी भी प्रकार की कोई मौद्रिक राशि प्रदान नहीं की जाती। इस पदक के प्रारूप में भी बदलाव किया गया है। यहपीतल का एक पीपल का पत्ता होता है जिस पर प्लेटिनम की सूर्य की आकृति अंकित होती है और चाँदी से भारत रत्न लिखा होता है। इसे सफ़ेद फीते के साथ गले में पहनाया जाता है। प्रारम्भ में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था परन्तु 1966 से इसे मरणोपरांत भी दिया जाने लगा और अब तक यह 14 व्यक्तियों को मरणोपरांत दिया जा चुका है जिनमे सर्वप्रथम नाम आता है लाल बहादुर शास्त्री का। 1992 में जब यह पुरस्कार सुभाष चंद्र को मरणोपरांत देने की बात तय हुयी तो पुरस्कार के “मरणोपरांत स्वरूप” को लेकर एक नयी बहस शुरू हो गयी ( क्योंकि उस समय तक सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु की पुष्टि नहीं हुयी थी ) अतः भारत सरकार ने उन्हें यह पुरस्कार देने की बात रद्द कर दी। किसी अन्य क्षेत्र की तुलना में यह अब तक 22 नेताओं को प्रदान किया जा चुका है वहीं खेल जगत में यह सम्मान प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति सचिन तेंदुलकर बने। यह पुरस्कार एक वर्ष में अधिकतम तीन व्यक्तियों को ही दिया जा सकता है और जरुरी नहीं कि हर वर्ष इसे दिया ही जाए। 1954 में इस सम्मान को पहली बार तीन व्यक्तियों डाo सर्वपल्ली राधाकृष्णन, चक्रवर्ती राजगोपालाचारी और चंद्रशेखर वेंकटरमन को प्रदान किया गया। 1977 में जनता पार्टी की सरकार ने इस पुरस्कार पर रोक लगा दी परन्तु 1980 में कांग्रेस ने पुनः इसकी शुरुआत कर दी।
पुरस्कार के साथ दी जाने वाली अन्य सुविधाएं –
- पुरस्कार विजेता को जीवन भर के लिए कर से मुक्ति मिल जाती है अर्थात उसे कर अदा नही करना पड़ता।
- केबिनेट दर्जे की योग्यता प्राप्त हो जाती है और वह व्यक्ति संसद की बैठकों में भाग ले सकता है।
- जरुरत पड़ने पर सरकार की ओर से उच्चतम दर्जे की सुरक्षा दी जाती है।
- जीवनभर एयर इंडिया में प्रथम श्रेणी की हवाई यात्रा मुफ्त में करने की सुविधा।
- भारतीय रेल में भी प्रथम श्रेणी में यात्रा करने की मुफ्त सुविधा प्राप्त होती है।
- भारत के किसी भी राज्य में भ्रमण के दौरान वहाँ के गेस्ट हाउस में रुकने की सुविधा।
भारत रत्न विजेताओं की सूची –
- डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन – 1954
- चक्रवर्ती राजगोपालाचारी – 1954
- डॉक्टर चन्द्रशेखर वेंकटरमन – 1954
- डॉक्टर भगवान दास – 1955
- सर डॉ॰ मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या – 1955
- पं. जवाहर लाल नेहरु – 1955
- गोविंद वल्लभ पंत – 1957
- डॉ॰ धोंडो केशव कर्वे – 1958
- डॉ॰ बिधन चंद्र रॉय – 1961
- पुरूषोत्तम दास टंडन – 1961
- डॉ॰ राजेंद्र प्रसाद – 1962
- डॉ॰ जाकिर हुसैन – 1963
- डॉ॰ पांडुरंग वामन काणे- 1963
- लाल बहादुर शास्त्री (मरणोपरांत) – 1966
- इंदिरा गाँधी -1971
- वराहगिरी वेंकट गिरी – 1975
- के. कामराज (मरणोपरान्त) -1976
- मदर टेरेसा -1979
- आचार्य विनोबा भावे (मरणोपरान्त) – 1983
- खान अब्दुल गफ्फार खान (पहले गैर-भारतीय) 1987
- एम जी आर (मरणोपरान्त) – 1988
- डॉ॰ भीमराव रामजी आंबेडकर (मरणोपरान्त) – 1990
- नेल्सन मंडेला (दूसरे गैर-भारतीय) – 1990
- राजीव गांधी (मरणोपरान्त) – 1991
- सरदार वल्लभ भाई पटेल (मरणोपरान्त)- 1991
- मोरारजी देसाई -1991
- मौलाना अबुल कलाम आज़ाद (मरणोपरान्त) – 1992
- जे आर डी टाटा – 1992
- सत्यजीत रे – 1992
- अब्दुल कलाम – 1997
- गुलजारी लाल नंदा – 1997
- अरुणा असाफ़ अली (मरणोपरान्त) – 1997
- एम एस सुब्बुलक्ष्मी – 1998
- सी सुब्रामनीयम – 1998
- जयप्रकाश नारायण (मरणोपरान्त)- 1998
- पं. रवि शंकर – 1999
- अमृत्य सेन – 1999
- गोपीनाथ बोरदोलोई (मरणोपरान्त) – 1999
- लता मंगेशकर – 2001
- उस्ताद बिस्मिल्ला ख़ां- 2001
- पं.भीमसेन जोशी – 2009
- सी॰ एन॰ आर॰ राव – 2014
- सचिन तेंदुलकर – 2014
- अटल बिहारी वाजपेयी – 2015
- मदन मोहन मालवीय (मरणोपरांत) – 2015
- प्रणव मुखर्जी – 2019
- नानाजी देशमुख (मरणोपरांत) – 2019
- भूपेन हजारिका (मरणोपरांत) – 2019