भारत के उच्च न्यायालय ( High Courts of India ) – भारतीय न्याय व्यवस्था में जिस तरह केद्र में एक सुदृढ़ उच्चतम न्यायालय की व्यवस्था की गयी है। उसी प्रकार राज्यों में न्यायिक व्यवस्था बनाये रखने के लिए उनके उच्च न्यायालयों की व्यवस्था की गयी है। संविधान के अनुच्छेद – 214 के अनुसार प्रत्येक राज्य के लिए एक उच्च न्यायालय होगा। परन्तु अनुच्छेद – 231 के अनुसार संसद विधि बनाकर दो या अधिक राज्यों व केंद्र शासित राज्य क्षेत्र के लिए एक ही हाई कोर्ट की स्थापना कर सकती है। वर्तमान में 6 उच्च न्यायालयों का कार्य क्षेत्र एक से अधिक राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों तक विस्तृत है। ये 6 हाई कोर्ट हैं – बॉम्बे हाई कोर्ट, कलकत्ता हाई कोर्ट, मद्रास हाई कोर्ट, गुवाहाटी हाई कोर्ट, केरल हाई कोर्ट और पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट।
उच्च न्यायालय में एक मुख्य न्यायाधीश के अतिरिक्त कुछ अन्य न्यायाधीश होते हैं। अलग-अलग उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की संख्या अलग-अलग है। 1 जनवरी 2019 से अमरावती में आंध्र प्रदेश के उच्च न्यायालय की स्थापना के बाद अब भारत में उच्च न्यायालयों की संख्या 25 हो गयी है। भारत के सभी उच्च न्यायालयों की स्थापना, स्थान व उनके कार्य क्षेत्र निम्नलिखित हैं –
उच्च न्यायालय | कार्य क्षेत्र | स्थापना |
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कलकत्ता | प. बंगाल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह | 1 जुलाई 1862 |
बॉम्बे | महाराष्ट्र, गोवा, दादर व नगर हवेली, दमन व दीव | 14 अगस्त 1862 |
मद्रास | तमिलनाडु, पडुच्चेरी | 15 अगस्त 1862 |
इलाहबाद | उत्तर प्रदेश | 17 मार्च 1866 |
कर्नाटक | कर्नाटक | 1884 |
पटना | बिहार | 2 सितंबर 1916 |
जम्मू & कश्मीर | जम्मू & कश्मीर | 28 अगस्त 1928 |
जबलपुर | मध्य प्रदेश | 2 जनवरी 1936 |
पंजाब एवं हरियाणा | पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ | 15 अगस्त 1947 |
गुवाहाटी | असम, नागालैंड, मिजोरम, अरुणाचल | 1 मार्च 1948 |
कटक | ओडिसा | 26 जुलाई 1948 |
जोधपुर | राजस्थान | 21 जून 1949 |
तेलंगाना | तेलंगाना | 5 जुलाई 1954 |
केरल | केरल, लक्षद्वीप | 1 नवंबर 1956 |
अहमदाबाद | गुजरात | 1 मई 1960 |
दिल्ली | नई दिल्ली | 31 अक्टूबर 1966 |
शिमला | हिमाचल प्रदेश | 1971 |
गंगटोक | सिक्किम | 16 मई 1975 |
छत्तीसगढ़ | छत्तीसगढ़ | 1 नवंबर 2000 |
नैनीताल | उत्तराखंड | 9 नवंबर 2000 |
राँची | झारखंड | 15 नवंबर 2000 |
शिलांग | मेघालय | 25 मार्च 2013 |
इम्फाल | मणिपुर | 25 मार्च 2013 |
अगरतला | त्रिपुरा | 26 मार्च 2013 |
अमरावती | आंध्र प्रदेश | 1 जनवरी 2019 |
कार्यक्षेत्र की वृद्धि के चलते उच्च न्यायालय की मूल पीठ के अतिरिक्त अन्य खण्डपीठ भी स्थापित की गयीं हैं जो कि निम्नलिखित हैं –
हाई कोर्ट | खण्डपीठ |
कलकत्ता | पोर्ट ब्लेयर |
बॉम्बे | नागपुर, पणजी, औरंगाबाद |
मद्रास | मदुरै |
इलाहबाद | लखनऊ |
जम्मू-कश्मीर | जम्मू |
गुवाहाटी | कोहिमा, आइजोल, ईटानगर |
राजस्थान | जयपुर |
मध्य प्रदेश | ग्वालियर, इंदौर |
अमरावती उच्च न्यायालय भारत का 25 वां उच्च न्यायालय बना है। जून 2014 में राज्य के विभाजन के बाद से तेलंगाना उच्च न्यायालय ही नवनिर्मित दोनों राज्यों ( आंध्र प्रदेश व तेलंगाना ) का कार्यभार संभाल रहा था। आंध्र प्रदेश के लिए पृथक उच्च न्यायालय की स्थापना हेतु 5 नवंबर 2018 को उच्चतम न्यायालय ने मंजूरी दी। आंध्र प्रदेश का उच्च न्यायालय अमरावती में स्थापित किया गया। 1 जनवरी 2019 से आंध्र प्रदेश के पृथक उच्च न्यायालय ने कार्य करना प्रारम्भ कर दिया।
उच्च न्यायालय से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य :-
भारत में अधिकतर राज्यों के उच्च न्यायालयों को उनके कार्यक्षेत्र के नाम पर नहीं बल्कि उनके अवस्थित स्थल के नाम पर जाना जाता है। जैसे उत्तर प्रदेश के उच्च न्यायलय को इलाहबाद हाई कोर्ट, राजस्थान के उच्च न्यायालय को जोधपुर हाई कोर्ट और उत्तराखंड के उच्च न्यायालय को नैनीताल हाई कोर्ट। इसके अतिरिक्त कुछ उच्च न्यायालयों को उनके प्रदेशों के नाम से भी जाना जाता है जैसे – तेलंगाना हाई कोर्ट, केरल हाईकोर्ट।
- 1966 में पंजाब उच्च न्यायालय का नाम बदलकर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय कर दिया गया।
- हाई कोर्ट के न्यायाधीशों को उस राज्य का राज्यपाल शपथ दिलाता है।
- केरल का उच्च न्यायालय एर्नाकुलम में स्थित है।
- त्रिपुरा का हाई कोर्ट अगरतला में स्थित है।
- कर्नाटक हाई कोर्ट बेंगलुरु में अवस्थित है।
- जम्मू कश्मीर का हाई कोर्ट श्रीनगर में अवस्थित है। इसकी एक खण्डपीठ जम्मू में स्थित है।
- तेलंगाना उच्च न्यायालय हैदराबाद में स्थित है।
- दिल्ली उच्च न्यायालय नई दिल्ली में स्थित है। केंद्रशासित राज्यों में सिर्फ दिल्ली का ही अपना पृथक हाई कोर्ट है।
- पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय चंडीगढ़ में अवस्थित है।
- 1971 में असम उच्च न्यायालय का नाम बदलकर गुवाहाटी उच्च न्यायालय कर दिया गया।
- 1973 में मैसूर उच्च न्यायालय का नाम बदलकर कर्नाटक उच्च न्यायालय कर दिया गया।
- 1 जनवरी 2019 से आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय का नाम बदलकर तेलंगाना उच्च न्यायालय कर दिया गया।
- सौमित्र सेन (कलकत्ता हाई कोर्ट) पर फंड का दुरुपयोग करने हेतु सन् 2011 में राज्यसभा द्वारा महाभियोग प्रस्ताव पेश किया गया। स्वतंत्रता के बाद किसी न्यायमूर्ति के विरुद्ध इस प्रकार का यह पहला मामला था।
- भारत में चलित न्यायालय ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के मस्तिष्क की उपज है।
- भारत में पहले चलित न्यायालय का उद्घाटन 4 अगस्त 2007 को हरियाणा के पुन्हाना ( मेवात ) में किया गया।
भारतीय संविधान में उच्च न्यायालय से सम्बंधित तथ्य –
- अनुच्छेद 112 (3) (घ) के तहत हाई कोर्ट के न्यायाधीशों की पेंशन भारत सरकार की संचित निधि पर भारित है।
- संविधान के अनुच्छेद 202(3)(घ) के तहत हाई कोर्ट के न्यायाधीशों के वेतन व भत्ते राज्य की संचित/समेकित निधि से दिए जाते हैं।
- 15वे संविधान संशोधन के तहत अनुच्छेद 217 (1) के अनुसार हाई कोर्ट के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष से बढाकर 62 वर्ष कर दी गयी।
- अनुच्छेद 226 के तहत उच्च न्यायालयों को मूल अधिकारों की रक्षा हेतु रिट जारी करने का अधिकार है।