एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty International Organization) – एमनेस्टी इंटरनेशनल एक ग़ैर सरकारी संगठन ( NGO ) के रूप में एक वैश्विक संस्था है। जो प्रमुख रुप से मानवाधिकारों के लिए कार्य करती है। वर्तमान में विश्व में मानवाधिकारों के क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाओं में यह विश्व का तीसरा सबसे बड़ा संगठन है।
स्थापना व मुख्यालय –
28 मई 1961 को ‘द् ऑब्जर्वर’ में पीटर बेंसन का ‘The Forgotten Prisoners’ नामक एक लेख प्रकाशित हुआ। इसके बाद जुलाई 1961 में ब्रिटेन में पीटर बेंसन द्वारा इस संस्था की स्थापना की गई थी। इस संस्था का मुख्यालय लंदन में अवस्थित है।
कार्य –
इसका कार्य विश्व भर में मानवाधिकारों की पैरवी करना औऱ उनसे संबंधित जानकारी इकट्ठा कर विश्व के समक्ष रखना है। यह संस्था विश्व भर में मानवाधिकारों के मुद्दे पर बड़े स्तर पर प्रचार अभियान चलाकर विश्व का ध्यान उस ओर आकर्षित करती है जिधर मानवाधिकारों की अवहेलना व हनन हो रहा हो। यह संस्था किसी मुद्दे को मीडिया के समक्ष लाने, कानूनी सहायता प्रदान करने, मुहिम चलाने संबंधी माध्यम से मानवाधिकारों को बचाने का कार्य करती है। विश्व भर में लाखों लोग इस संस्था से जुड़े हैं।
संस्था का सिद्धांत –
‘It is Better to light a Candle than to curse the darkness’ अर्थात ‘अंधेरे को कोसने से अच्छा है एक दीपक जलाना’।
नोबल शांति पुरस्कार – 1977
‘शोषण के विरुद्ध‘ अभियान चलाने के कारण इस संस्था को साल 1977 के नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
अन्य सम्मान व पुरस्कार –
मानवाधिकारों के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने हेतु साल 1978 में संयुक्त राष्ट्र संघ के मानवाधिकार पुरस्कार ने सम्मानित किया गया था।
एमनेस्टी इंटरनेशनल के लक्ष्य –
- विश्व-भर में मानवाधिकारों के मार्ग में होने वाली बाधा समाप्त करना।
- महिलाओं, बच्चों औऱ अल्पसंख्यकों के अधिकारों की पैरवी करना।
- मुत्यु की सजा का उन्मूलन करना।
- शरणार्थियों के अधिकार सुरक्षित करना।
- अंतरराष्ट्रीय मानकों के आधार पर जेलों के हालात सुनिश्चित करना।
- सैन्य संघर्ष में गैरकानूनी तरीके से हत्याओं पे लगाम कसना।
- सभी राजनीतिक कैदियों के लिए निष्पक्ष सुनवाई करना।
- धार्मिक सहष्णुता का प्रचार करना।
- सभी बच्चों को वैश्विक स्तर पर निशुल्क शिक्षा का अधिकार दिलाना।
- गर्भपात को अपराध की श्रेणी से बाहर करना।
- मानव तस्करी को पूर्णतः समाप्त करना।
- नाबालिग सैनिकों की भर्ती व इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना।
- मानवाधिकार रक्षकों की सुरक्षा की सुनिश्चित करना।
- किसी भी प्रकार के भेदभाव को समाप्त करना।