ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2019 (Global Hunger Index 2019)

ग्लोबल हंगर इंडेक्स में विश्व भर के तमाम देशों में खानपान की स्थिति का विस्तृत विवरण दिया जाता है। यह रिपोर्ट किसी देश में कुपोषित बच्चों के अनुपात व मृत्यु दर के आधार पर तय की जाती है। इसमें खाने की गुणवत्ता, खाने की मात्रा और उनमें कमियां इत्यादि से संबंधित अन्य मानकों के आधार पर देशों को रैंकिंग दी जाती है। इसमें यह भी देखा जाता है कि कितने लोगों को खाना मिल रहा है औऱ कितने लोग आज भी भूख से पीड़ित हैं।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स की शुरुवात साल 2006 में इंटरनेशल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट ने की थी। वेल्ट हंगर लाइफ नामक संस्था ने साल 2006 में पहली बार ग्लोबल हंगर इंडेक्स जारी की थी। यह रिपोर्ट हर साल अक्टूबर माह में जारी की जाती है।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स – 2019

इस रिपोर्ट को तैयार करने में साल 2014 से 2018 तक के आंकड़ों का उपयोग किया गया है। साल 2019 में जारी ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत को 102 वां स्थान प्राप्त हुआ। यह दक्षिण एशियाई देशों में सबसे निचला स्थान है। एशियाई देशों में भी भारत की स्थिति बेहद खराब है। इस रिपोर्ट में भारत ब्रिक्स देशों में भी सबसे निचले पायदान पर है। इस मामले में भारत अपने पड़ोसी देशों नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश, चीन औऱ श्रीलंका से भी पीछे है। इस वर्ष विश्व के कुल 117 देशों को इस इंडेक्स में शामिल किया गया। इस रिपोर्ट के अनुसार भारत में अभी भी बहुत भुखमरी व्यापत है। साल 2014 से इस इंडेक्स में भारत की स्थिति खराब ही होती गई है। इस बार भारत में कुपोषित बच्चों की स्थिति बहुत खराब है। भारत में 20.8 प्रतिशत बच्चों का पूर्ण विकास नहीं हो पाता।

शीर्ष देश – इस रिपोर्ट में बेलारुस, यूक्रेन, तुर्की, क्यूबा, औऱ कुवैत शीर्ष पर हैं।

पड़ोसी देशों की रैंकिंग

विश्व खाद्य दिवस

हर साल 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है। सबसे पहले इसे साल 1981 में इसी तिथि को मनाया गया था। इसे विश्व भर में मनाने का विचार हंगरी के प्रतिनिथिमंडल ने आम सम्मेलन के दौरान दिया था। अब हर साल यह दिवस 150 से अधिक देशों में मनाया जाता है। संय़ुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन की स्थापना इसी तिथि को वर्ष 1945 में की गई थी। इस संगठन का मुख्यालय रोम ( इटली ) में है। वर्तमान में इस संगठन के कुल 194 सदस्य हैं।

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