उत्तर प्रदेश के जिले (All Districts of UP)

वर्तमान में उत्तर प्रदेश में कुल 75 जिले हैं। “उत्तर प्रदेश को जानो” इस पोस्ट में उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के बारे में प्रमुख जानकारी दी गयी है –

उत्तर प्रदेश के मण्डल व जिलों की सूची

मण्डलजिले
लखनऊलखनऊ, हरदोई, सीतापुर, रायबरेली, उन्नाव, लखीमपुर खीरी
कानपुरकानपुर नगर, कानपुर देहात, फर्रुखाबाद, इटावा, कन्नौज, औरैया
मेरठमेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, हापुड़, बागपत, गौतमबुद्धनगर
अयोध्याअयोध्या, अमेठी, अमेबेडकरनगर, बाराबंकी, सुल्तानपुर
अलीगढ़अलागढ़, एटा, कासगंज, हाथरस
आगराआगरा, मथुरा, मैनपुरी, फिरोजाबाद
वाराणसीवाराणसी, गाजीपुर, जौनपुर, चंदौली
गोरखपुरगोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, महाराजगंज
देवीपाटनगोंडा, श्रावस्ती, बलपामपुर, बहराइच
बरेलीबरेली, बदायूं, पीलीभात, शाहजहाँपुर
मुरादाबादमुरादाबाद, रामपुर, संभल, अमरोहा, बिजनौर
प्रयागराजप्रयागराज, प्रतापगढ़, फतेहपुर, कौशाम्बी
चित्रकूटचित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर
मिर्जापुरमिर्जापुर, सोनभद्र, भदोही
बस्तीबस्ती, संतकबीर नगर, सिद्धार्थनगर
झाँसीझांसी, ललितपुर, जालौन
आजमगढ़आजमगढ़, बलिया, मऊ
सहारनपुरसहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली

आगरा –

1504 ईo में इस ऐतिहासिक नगर की स्थापना सिकंदर लोदी ने की थी। यह 1858 ईo तक राज्य की राजधानी रहा। इसे ताजनगरी के नाम से जाना जाता है। ताजमहल के अतिरिक्त यहाँ पर लालकिला, जामा मस्जिद, एत्माउद्दौला का मकबरा, अकबर का मकबरा, रामबाग, दयालबाग, फतेहपुर सीकरी भी महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल हैं। हर साल विश्व भर से हजारो लोग यहाँ पर आते हैं। यहाँ पर नेशनल पैराशूट ट्रेनिंग कॉलेज भी स्थित है। यहाँ की मोती मस्जिद का निर्माण शाहजहाँ ने कराया था। इस जिले का कुल क्षेत्रफल 10863 वर्ग किमी है। आगरा में 906 गाँव और कुल 06 तहसीलें – सदर, फतेहाबाद, किरावली, खेरागढ़, बाह, एत्मादपुर हैं।

अलीगढ़

यह नगर तालों के निर्माण के लिए प्रसिद्द है। यहाँ पर 1942 में हरदुआगंज ताप विद्युत केंद्र, हरदुआगंज की स्थापना की गयी थी। यहाँ पर 1875 में सर सय्यद अहमद खां ने मोहम्डन एंग्लो ओरिएण्टल कॉलेज की स्थापना की थी जिसे 1920 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय बना दिया गया। अलीगढ़ में कुल 05 तहसीलें कोल, अतरौली, खैर, इगलास, गभाना हैं।

अम्बेडकर नगर

इसको 29 सितंबर 1995 को जिला बनाया गया था। इस जिले के अंतर्गत 1757 गाँव, 05 नगरपालिकाएँ और 18 पुलिस स्टेशन आते हैं। यहाँ का स्थान अकबरपुर राममनोहर लोहिया का जन्मस्थल है। इस जिले का क्षेत्रफल 2350 वर्ग किमी है।

अमरोहा

यह मुरादाबाद से 30 किमी की दूरी पर स्थित जिला है। इसे 15 अप्रैल 1997 को मुरादाबाद जिले से पृथक कर नया जिला बनाया गया था। इसका कुल क्षेत्रफल 2470 वर्ग किलो मीटर है।

अमेठी

इस जिले में कुल 04 तहसीलें (अमेठी, गौरीगंज, मुसाफिरखाना, तिलोई), 13 विकासखंड और 1000 ग्राम और पंचायतें हैं। समुद्र तल से इसकी ऊँचाई 101 मीटर है। इसका क्षेत्रफल 2329 वर्ग किलो मीटर है।

औरैया

इस जिले का क्षेत्रफल 2016 वर्ग किलो मीटर है जिसमें 07 ब्लॉक और कुल 848 गाँव हैं। 17 सितंबर 1997 को इटावा की दो तहसीलों औरैया और विधूना को इटावा से पृथक कर जिले औरैया को बनाया गया था। औरैया के सात ब्लॉक – औरैया, अजीतमल, विधूना, सहार, अछल्दा, भाग्यनगर, एरवाकटरा हैं।

आजमगढ़

आजमगढ़ में 08 तहसीलें, २२ विकासखंड, 13 नगर पालिकाएं व नगर पंचायत, 26 पुलिस स्टेशन और 4101 गाँव हैं। इसका क्षेत्रफल 4054 वर्ग किमी है।

बागपत

इसे मूल रूप से व्यग्रप्रस्थ के नाम से जाना जाता था। बागपत जिले में तीन तहसीलें – सदर, बड़ौत, खेकड़ा हैं। यह प्रदेश का गरीबी रेखा से नीचे के सबसे कम परिवारों वाला जिला है।

बहराइच

बहराइच में कुल 06 तहसीलें – सदर, पयागपुर, नानपारा, महसी, कैसरगंज, मोतीपुर (मिहींपुरवा) हैं। यहाँ पर सय्यद सालार मसूद गाजी की दरगाह है। ये सूफी संत महमूद गजनबी के साथ भारत आये थे।

बलिया

बलिया जिले में 06 तहसीलें, 17 विकासखंड और 2317 गाँव हैं। इसका कुल क्षेत्रफल 1981 वर्ग किमी है। बलिया की तहसीलें – सदर, सिकंदरपुर, बैरिया, रसड़ा, बॉसडीह, बेल्थरा रोड

बलरामपुर

जिला बलरामपुर 17 जनवरी 2012 को अस्तित्व में आया। यह जिला 06 विकासखंडो के तहत 636 गाँवों में बंटा हुआ है।

बांदा

जिला बांदा में कुल 05 तहसीलें सदर, नरैनी, बबेरू, अतर्रा, पिलानी हैं। यहाँ से बाक्साइट की प्राप्ति होती है। बाँदा जिले से कुछ मात्रा में हीरा की भी प्राप्ति होती है।

बाराबंकी

यहाँ के देवाशरीफ में हाजी वारिस अली शाह की दरगाह है जहाँ हर साल प्रसिद्ध मेला लगता है। यहाँ बाँसा में शाह अब्दुल रज्जाक की दरगाह है। बाराबंकी में कुल 06 तहसीलें – नवाबगंज, फतेहपुर, हैदरगढ़, रामनगर, रामसनेही घाट, सिरौली गौसपुर

बरेली

यह प्रदेश का 8 वां महानगर और भारत का 50 वां सबसे बड़ा शहर है। रामगंगा के तट पर बसा यह जिला रुहेलखण्ड के ऐतिहासिक क्षेत्र के अंतर्गत आता है। यह दियासलाई उद्योग और मांझा उद्योग का प्रमुख केंद्र है। शहर के प्राचीन शिव मंदिरों धोपेश्वरनाथ, मढ़ीनाथ, अलखनाथ, त्रिवटी नाथ, वनखण्डी नाथ मंदिर के कारण इसे नाथनगरी के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ की प्रमुख दरगाह – आला हजरत की दरगाह है। बरेली जिले का कुल क्षेत्रफल 4120 वर्ग किमी है। 2011 के अनुसार इसकी जनसंख्या 44,48,359 है। इसके अंतर्गत 06 तहसीलें, 20 नगर निकाय, 2070 गाँव आते हैं। बरेली में 06 तहसीलें – सदर, बहेड़ी, मीरगंज, नवाबगंज, फरीदपुर, आंवला हैं। बरेली जिले में कुल 29 थाने हैं – कोतवाली, बारादरी, अलीगंज, आँवला, बहेड़ी, भमौरा, भोजीपुरा, भुता, कैंट, कलक्टर बक गंज, देओरनिया, फरीदपुर, फतेहगंज पूर्वी, फतेहगंज पश्चिमी, हाफिजगंज, इज्जतनगर, कुलड़िया, महिला थाना बरेली, मीरगंज, नरियावल, नवाबगंज, प्रेमनगर, किला, शाही, शीशगढ़, शेरगढ़, सिरौली, सुभाषनगर, विशारतगंज।

बस्ती –

बस्ती जिले का क्षेत्रफल 2688 वर्ग किमी है। इसके अंतर्गत 05 नगरपालिकाएँ और 3348 गाँव आते हैं।

बिजनौर –

इसका क्षेत्रफल 4049 किमी है, इसके अंतर्गत 2519 गाँव आते हैं।

बदायूं –

बदायूँ से प्राप्त 11 वीं सदी के अभिलेख के अनुसार इसका पूर्व नाम वोदामयूता था। यह दिल्ली सल्तनत का एक महत्वपूर्ण इक्ता था। कुतुबद्दीन ऐबक ने 1222 में यहाँ पर जामा मस्जिद का निर्माण कराया था। शासक बनने से पहले इल्तुतमिश बदायूँ का ही गवर्नर था। अलाउद्दीन ने अपने जीवन के अंतिम वर्ष यही पर बिताये थे। इसके बाद हुमायूँ को भी यहाँ का प्रशासक बनाया गया था। अकबर के प्रसिद्द लेखक अब्दुल कादिर बदायूँनी ने इसे अपनी आँखों से देखा और यहाँ पर काफी समय व्यतीत किया। बदायूँनी का मकबरा भी यहीं पर अवस्थित है। सूफी निजामुद्दीन औलिया यहीं के निवासी थे। दिल्ली सल्तनत के सैय्यद वंश के शासक अलाउद्दीन आलमशाह ने 1450 ईo में दिल्ली की गद्दी छोड़ दी और बदायूँ में आ गया। इसके बाद अपनी मृत्यु (1476 ईo में) तक बदायूँ पर शासन करता रहा। बदायूँ जिले का कुल क्षेत्रफल 4134 वर्ग किमी है। 2011 की जनगणना के अनुसार यहाँ की जनसंख्या 31,29,000 है। बदायूँ में कुल 05 तहसीलें – बदायूँ सदर, दातागंज, सहसवान, बिल्सी, बिसौली हैं।

बुलंदशहर –

बुलंदशहर में कुल 07 तहसीलें – सदर, सिकंदराबाद, खुर्जा, अनूपशहर, शिकारपुर, सियाणा, डिबाई हैं। यहाँ पर नरौरा परमाणु शक्ति केंद्र अवस्थित है। यहाँ का बरन प्रसिद्ध इतिहासकार जियाउद्दीन बरनी की जन्मस्थली है।

चंदौली –

जिला चंदौली के अंतर्गत 05 तहसीलें, 09 ब्लॉक, 01 नगर निगम और कुल 1651 गाँव आते हैं। यहाँ से बाक्साइट और काँच बालू की प्राप्ति होती है।

चित्रकूट –

जिला चित्रकूट के अंतर्गत 04 तहसील, 05 ब्लॉक और 653 गाँव आते हैं। चित्रकूट जिले का क्षेत्रफल 3164 वर्ग किमी है।

देवरिया –

देवरिया जिले में कुल 05 तहसीलें – सदर, भाटपार रानी, बरहज, सलेमपुर, रुद्रपुर हैं। इस जिले में 2162 गाँव हैं। भारत की पहली बोलती फिल्म आलमआरा के निर्देशक बी. पी. मिश्रा यहीं के थे।

एटा –

एटा को 08 विकासखंडो के अंतर्गत 892 गांवों में विभाजित किया गया है। इसका क्षेत्रफल 4446 वर्ग किमी है।

इटावा –

इटावा जिले को 06 तहसील और 08 ब्लॉक के अंतर्गत 325 गाँव शामिल हैं। इसका क्षेत्रफल 10863 वर्ग किमी है।

अयोध्या –

अयोध्या सरयू नदी के तट पर बसा हुआ एक ऐतिहासिक व धार्मिक स्थल है। इसका प्राचीन नाम साकेत हैं। यह महाजनपद काल में कोसल महाजनपद की राजधानी था। यहाँ के भरतकुंड नामक स्थल पर भरत ने 14 वर्ष तपस्या की थी। जिले का कुल क्षेत्रफल 2522 वर्ग किमी है। अयोध्या जिले में कुल 05 तहसीलें सदर, सोहवल, बीकापुर, मिल्कीपुर, रुद्रौली हैं। अयोध्या जिले में कुल 1272 गाँव हैं।

फर्रुखाबाद –

फर्रुखाबाद की स्थापना नवाब मोहम्मद खां बंगश ने की थी। 1714 में इसका नाम मुग़ल शासक फर्रूखशियर के नाम पर रखा था।

फतेहपुर –

इस जिले का कुल क्षेत्रफल 4152 वर्ग किमी है जिसके अंतर्गत कुल 1521 गाँव आते हैं।

फिरोजाबाद –

फिरोजाबाद आगरा डिवीजन के अंतर्गत आता है। इसमें कुल 05 तहसीलें – सदर, टूंडला, शिकोहाबाद, जसरना, सिरसागंज हैं। यह चूड़ी उद्योग के लिए प्रसिद्ध है। इस जिले में 07 नगर निगम, 21 पुलिस स्टेशन व 806 गाँव हैं।

गौतम बुद्ध नगर –

इसे 06 सितंबर 1997 को गाजियाबाद और बुलंदशहर के कुछ हिस्सों को पृथक कर नया जिला बनाया गया। यहाँ पर ताज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण किया गया है। इस जिले में सिर्फ तीन तहसीलें – सदर, दादरी, जेवर हैं।

गाजियाबाद –

14 नवंबर 1976 को नेहरू जी के जन्मदिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री एन. डी. तिवारी ने इसे जिला घोषित किया। इससे पहले यह मेरठ की एक तहसील थी। इस जगह की स्थापना वजीर गाजी उद्दीन ने 1740 ईo में की और यहाँ पर 120 कमरों की एक सराय का निर्माण कराया था। तब इसका नाम गाजीउद्दीन नगर रखा था।

गाज़ीपुर –

गाजीपुर के अंतर्गत 07 तहसील, 16 ब्लॉक, 08 नगरपालिका और 3385 गाँव आते हैं । इसका क्षेत्रफल 3377 वर्ग किलो मीटर है।

गोंडा –

यहाँ के देवीपाटन में महाराजा विक्रमादित्य द्वारा बनवाया गया पटेश्वरी देवी का प्रसिद्ध मंदिर है। गोंडा जिले में कुल 04 तहसीलें – सदर, करनैलगंज, तरबगंज, मनकापुर हैं।

गोरखपुर –

गोरखनाथ की साधना स्थली होने के कारण इसका नाम गोरखपुर पड़ा। गोरखपुर में 07 तहसीलें – सदर, चौरा-चौरी, गोला, खजनी, बांसगांव, सहजनवा, कैम्पियरगंज हैं। गौतम बुद्ध की माता रामग्राम के कोलिय गणराज्य की कन्या थीं यह क्षेत्र इसी जिले में पड़ता है।

हमीरपुर –

यह चित्रकूट धाम मंडल के अंतर्गत एक जिला है। हमीरपुर जिले में 04 तहसीलें, 07 ब्लॉक और कुल 617 गाँव हैं। इस जिले का कुल क्षेत्रफल 4121 वर्ग किमी है। इसकी चार तहसीलें – हमीरपुर, मौदाह, राठ, सरीला हैं।

हापुड़ (पंचशील नगर) –

28 सितंबर 2011 को मुख्यमंत्री मायावती ने इसे पंचशील नगर के नाम से नया जिला घोषित किया था। बाद में जुलाई 2012 में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसका नाम बदलकर हापुड़ रख दिया। इस जिले में 03 तहसील, 04 ब्लॉक और 325 गाँव हैं। इसका कुल क्षेत्रफल 10863 वर्ग किमी है। यह नई दिल्ली से 60 किमी दूरी पर स्थित है। यह शहर दिल्ली NCR के अंतर्गत आता है।

हरदोई –

हरदोई जिले में कुल 05 तहसीलें – सदर, बिलग्राम, शाहबाद, संडीला, सवायजपुर हैं। इस जिले में कुल 2077 गाँव हैं। प्रदेश में सर्वाधिक BPL परिवार इसी जिले में हैं।

हाथरस (महामाया नगर) –

यह जिला 1800 वर्ग किमी में विस्तृत है। हाथरस में कुल 04 तहसीलें – सदर, सासनी, सादाबाद, सिकंदराराऊ हैं। इसमें कुल 683 गाँव आते हैं।

जालौन –

जालौन बुन्देलखण्ड क्षेत्र का एक जिला है। जालौन में कुल 05 तहसीलें – सदर, कौंच, उरई, कालपी, माधौगढ़ हैं। यहाँ का काल्पी बीरबल की जन्मस्थली है।

जौनपुर –

इसकी स्थापना 1359 ईo में फिरोजशाह तुगलक ने मुहम्मद तुगलक (जौना खां) की याद में की थी। यह गोमती नदी के किनारे अवस्थित है। यहाँ पर प्रसिद्ध अटाला मस्जिद अवस्थित है।

झाँसी –

यह नगर चम्बल नदी के तट पर बसा हुआ है। यह क्षेत्र रानी लक्ष्मीबाई की वीरगाथाओं के लिए जाना जाता है। यहाँ पर बेतवा नदी पर मध्य प्रदेश सरकार के सहयोग से माताटीला विद्युत केंद्र की स्थापना की गयी है। यहाँ के मोठ नामक स्थान पर शीतल जल विद्युत परियोजना की शुरुवात की गयी। पारीछा नदी पर पारीछा जल विद्युत केंद्र की स्थापना की गयी है।

कन्नौज –

प्राचीनकाल में इसे कान्यकुब्ज के नाम से जाना जाता था। हर्षवर्धन के काल में यह नगरमहोदय कहलाया। गोरी के आक्रमण के समय यहाँ का शासक जयचंद गहड़वाल था।

कानपुर देहात –

23 अप्रैल 1981 को कानपुर जिले को दो भागों में विभाजित किया गया। मुग़ल शासक बहादुरशाह के सेनापति मुबारकशाह ने 1474 ईo में इस नगर लूटा।

कानपुर नगर –

यह राज्य में चमड़ा उद्योग का प्रमुख केंद्र है। इसका क्षेत्रफल 10863 वर्ग किमी है, इसके अंतर्गत 1003 गाँव आते हैं।

कासगंज (कांशीराम नगर)-

17 अप्रैल 2008 को इसे एटा जिले से विभाजित कर नया जिला बनाया गया था। पहले इसका नाम कांशीराम नगर रखा गया था। इसमें 03 तहसील, 07 विकासखंड और 715 गाँव हैं। यह क्षेत्र कांस के एक जंगल में स्थापित किया गया था इसलिए इसका नाम कासगंज पड़ा। यह अलीगढ़ मण्डल के अंतर्गत आता है। उत्तर प्रदेश का 71 वां जिला है। कासगंज में 03 तहसीलें – कासगंज, सहावर, पटियाली हैं।

कौशाम्बी –

04 अप्रैल 1997 को इसे इलाहबाद से पृथक कर नया जिला बनाया गया था। इसे आद्य नगर स्थल कहा जाता है।

लखीमपुर खीरी –

इसे पहले लक्ष्मीपुर के नाम से जाना जाता था। लखीमपुर शहर से 2 किमी दूरी पर अवस्थित खीरी एक क़स्बा है। यह राज्य का सर्वाधिक क्षेत्रफल वाला जिला है। इसका क्षेत्रफल 7680 वर्ग किमी है, इसमें 07 तहसीलें हैं। यह प्रदेश का सर्वाधिक अनुसूचित जनजाति जनसंख्या वाला जिला है। उत्तर प्रदेश का एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान दुधवा राष्ट्रीय उद्यान इसी जिले में अवस्थित है।

कुशीनगर –

पहले इसे कुशीनारा के नाम से जाना जाता था। यहीं पर गौतम बुद्ध की मृत्यु (महापरिनिर्वाण) हुयी थी।

ललितपुर –

ललितपुर जिला खनिजों की प्राप्ति की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहाँ के सोनराई से ताँबा की प्राप्ति होती है।

लखनऊ –

यह 1921 से प्रदेश की राजधानी है। गोमती नदी के तट पर बसे हुए इस शहर को नबाबों का शहर भी कहा जाता है। इस शहर को बागों का शहर भी कहा जाता है। इतिहासकारों के अनुसार इसका पुराना नाम लक्ष्मणपुर था। मुग़ल काल में इसकी प्रतिष्ठा तब से बढ़नी शुरू हुयी जब अवध के सूबेदार सआदत खां ने इसे पृथक सत्ता के रूप में  स्वतंत्र राज्य घोषित कर दिया। बाद में आसफ उद्दौला के समय अवध की राजधानी फ़ैजाबाद की जगह लखनऊ घोषित कर दी गयी।

महाराजगंज –

इसे 02 अक्टूबर 1989 को गोरखपुर से पृथक कर नया राज्य घोषित किया गया। इसका क्षेत्रफल 2952 वर्ग किमी है जिसमे 04 तहसील, 12 ब्लॉक के अंतर्गत 1262 गाँव आते हैं।

महोबा –

यह उत्तर प्रदेश का एक छोटा सा जिला है जो आल्हा-ऊदल की वीरगाथाओं से जाना जाता है। इसका क्षेत्रफल 2884 वर्ग किमी है, इसमें 521 गाँव हैं।

मैनपुरी –

मैनपुरी में कुल 06 तहसीलें – मैनपुरी, भोंगाव, करहल, किशनी, कुरावली, घिघोर हैं। इसका क्षेत्रफल 2760 वर्ग किमी है।

मथुरा –

यह एक धार्मिक व पर्यटन स्थल है जिसका महत्त्व प्राचीनकाल से ही भारतीय इतिहास में रहा है। यह भगवान कृष्ण की जन्मभूमि है। यह स्थल कुषाण काल में जैन धर्म का प्रमुख केंद्र था। महाजनपद काल में यह शूरसेन के नाम से विख्यात था। यहाँ के सोंख नामक स्थल की खुदाई से कुषाणकालीन मंदिर की प्राप्ति हुयी है। यहाँ का बरसाना गाँव राधा का जन्मस्थल है। यहाँ पर गोवर्धन पर्वत अवस्थित है। यहाँ पर वृन्दावन भी अवस्थित है।

मऊ –

मऊ में 01 नगरपालिका, 09 नगर पंचायत, 09 विकासखंड और 04 तहसीलें – मऊ, मधुबन, घोसी, मुहम्मदाबाद गोहना हैं। इस जिले में कुल 1691 गाँव हैं।

मेरठ –

मेरठ  03 तहसीलें – सदर, मावाना, सरधना हैं। मेरठ में कुल 662 गाँव हैं। जिले का कुल क्षेत्रफल 2590 वर्ग किमी है।

मिर्जापुर –

मिर्जापुर के कजराहट और रोहतास में चूना-पत्थर पाया जाता है जिसका उपयोग सीमेंट बनाने में किया जाता है। इसके अतिरिक्त कजराहट से डोलोमाइट पत्थर भी पाया जाता है। मिर्जापुर के जंगली क्षेत्र से हीरे की भी प्राप्ति होती है। यहाँ से संगमरमर की प्राप्ति होती है। यहाँ पर कुछ मात्रा में लौह-अयस्क भी पाया जाता है। यहाँ पर ओबरा ताप विद्युत केंद्र स्थापना सोवियत संघ सहायता से की गयी।

मुरादाबाद –

मुरादाबाद की स्थापना मुगलकाल में 1625 ईo में रुस्तम खान ने की। इसका नाम शाहजहाँ के पुत्र मुराद बक्श के नाम पर मुरादाबाद रखा गया। जिले का क्षेत्रफल 10863 वर्ग किमी है। मुरादाबाद में कुल 04 तहसीलें – सदर, कांठ, बिलारी, ठाकुरद्वारा हैं। यहाँ पर चंदौसी में दो ताप विद्युत ग्रहों की स्थापना की गयी है।

मुजफ्फरनगर –

मुग़ल शासक शाहजहाँ के समय उसके एक सैन्य अधिकारी मुजफ्फर खान के पुत्र ने इस नगर की स्थापना की। यहाँ की मूल भाषा खड़ी बोली है। इसमें 09 विकास खंड, 10 नगर निकाय और 704 गाँव हैं।

पीलीभीत –

पीलीभीत जिला 3499 वर्ग किमी में विस्तृत है इसमें 05 तहसीलें, 07 ब्लॉक और कुल 1440 गाँव हैं। पीलीभीत 28°38’59” से 28°64’97” उत्तरी अक्षांश और 79°52’21” से 79°87’24” पूर्वी देशांतर के मध्य स्थित है। पीलीभीत में कुल 05 तहसीलें – सदर, बीसलपुर, पूरनपुर, अमरिया, कलीनगर हैं। पीलीभीत में 07 ब्लॉक – अमरिया, बीसलपुर, पूरनपुर, बिलसंडा, बरखेड़ा, मरौरी, ललौरीखेड़ा हैं। यहाँ पर मुख्य रूप से बांसुरी बनाने का कार्य किया जाता है। पीलीभीत में 04 चीनी मिल हैं – पीलीभीत, बीसलपुर, पूरनपुर, मझोला में। पीलीभीत में 15 पुलिस स्टेशन – कोतवाली, सुनगढ़ी, महिला थाना पीलीभीत, अमरिया, न्यूरिया, जहानाबाद, गजरौला, बीसलपुर, बरखेड़ा, बिलसंडा, दियूरिया कलां, पूरनपुर, माधोटांडा, हाजारा, सेहरा मऊ उत्तरी हैं। यहाँ के बनवसा क्षेत्र में शारदा जल विद्युत परियोजना की स्थापना की गयी है। यहाँ 03 नगर पालिका परिषद् – पीलीभीत, बीसलपुर, पूरनपुर और 06 नगर पंचायत -जहानाबाद, गजरौला, बरखेड़ा, बिलसंडा, कलीनगर, न्यूरिया हुसैनपुर हैं। समुद्र तल से ऊंचाई 172 मीटर (564 फिट) है। पीलीभीत के धार्मिक स्थल – गौरीशंकर मंदिर, जामा मस्जिद, छटवी पादशाही गुरुद्वारा, हजरत शाह मोहम्मद शेर मियां की दरगाह।

प्रतापगढ़ –

यह जिला ब्रिटिश काल में 1858 में अस्तित्व में आया। यह प्रयागराज मण्डल के अंतर्गत आता है। समुद्र तल से इसकी ऊँचाई 137 मीटर है। इस जिले में कुल 05 तहसील – रानीगंज, सदर, कुंडा, लालगंज, पट्टी हैं।

प्रयागराज –

1834 ईo में सर्वप्रथम प्रयागराज को प्रांत का मुख्यालय बनाया गया था। यह 1858 से 1921 तह प्रदेश की राजधानी रहा। यहाँ पर नागरिक उड्डयन प्रशिक्षण केंद्र अवस्थित है। इलाहबाद हाई कोर्ट की स्थापना 1866 ईo में हुयी। मलूकसाद की जन्मस्थली कड़ा इसी जिले में अवस्थित है।

रायबरेली –

रायबरेली में 06 तहसीलें – सदर, सलोन, लालगंज, ऊंचाहार, डलमऊ, महराजगंज हैं। यहाँ के लालगंज में देश के तीसरे रेल कोच कारखाने की स्थापना की गयी। जिले में कुल 1574 गाँव हैं।

रामपुर –

रामपुर में कुल 06 तहसीलें हैं – सदर, शाहाबाद, बिलासपुर, मिलक, स्वार, टांडा। मुख्य रूप से पीतल के चाकू उद्योग के लिए जाना जाता है। इस नगर में अरबी भाषा का एक विद्यालय है।

सहारनपुर –

यहाँ पर खारा जल विद्युत केंद्र की स्थापना की गयी है। सहारनपुर में कुल 887 गाँव और 05 तहसीलें – सदर, देवबंद, बेहट, नकुड, रामपुर मनिहारान हैं।

सम्भल –

28 सितंबर 2011 को तत्कालिक मुख्यमंत्री मायावती द्वारा इसका सृजन भीमनगर के नाम से किया गया था। बाद में जन असंतोष के चलते इसका नाम संभल कर दिया गया। संभल में कुल 03 तहसीलें संभल सदर, चंदौसी, गुन्नौर हैं। संभल जिले में कुल 993 गाँव हैं।

संत कबीर नगर –

इस जिले का निर्माण 05 सितंबर 1997 को बस्ती जिले के कुछ क्षेत्र को पृथक कर किया गया था। यहाँ स्थित मगहर कबीरपंथियों का प्रमुख तीर्थ स्थल है। इस जिले में कुल 03 तहसीलें – खलीलाबाद, मेहदावल, घनघटा हैं।

भदोही/संत रविदास नगर –

भदोही जिले में कुल 03 तहसीलें सदर, औराई, ज्ञानपुर हैं। यह प्रदेश का सबसे छोटा (क्षेत्रफल) जिला है। इस जिले में कुल 1217 गाँव हैं।

शाहजहाँपुर –

इस नगर की स्थापना जहांगीर के सैनिक दिलेर खान और शेर बहादुर खान ने की थी। इस जिले में कुल 2325 गाँव और 04 तहसीलें सदर, तिलहर, पुवायां, जलालाबाद हैं। यहाँ पर रोजा ताप विद्युत परियोजना की शुरुवात आदित्य विड़ला ग्रुप द्वारा की गयी थी। परन्तु बाद में 2006 में रिलायंस ग्रुप ने इसका अधिग्रहण कर लिया।

शामली/प्रबुद्धनगर  –

यह जिला बनाने से पूर्व मुजफ्फरनगर की तहसील था। जिला बनने के बाद पहले ये प्रबुद्ध नगर के नाम से अस्तित्व में आया। शामली में तीन तहसील हैं – शामली, कैराना, उन

श्रावस्ती –

श्रावस्ती जिले में कुल 536 गाँव और 03 तहसीलें – भिनगा, इकौना, जमुनहा हैं। महात्मा बुद्ध ने अपने जीवनकाल के सर्वाधिक उपदेश यहीं पर दिए।

सिद्धार्थनगर –

पहले इसे कपिलवस्तु के नाम से जाना जाता था।  गौतमबुद्ध के पिता शुद्धोधन कपिलवस्तु के ही राजा थे। यहाँ से कुषाणकालीन सिक्के भी प्राप्त हुए हैं। सिद्धार्थनगर जिले में 2545 गाँव और कुल 05 तहसीलें – नौगढ़, बांसी, इटवा, शोहरतगढ़, डुमरियागंज हैं।

सीतापुर –

सीतापुर जिले में कुल 07 तहसीलें – सदर, महोली, सिधौली, बिसवां, लहरपुर, महमूदाबाद, मिश्रिख हैं। यहाँ स्थित नैमिषारण्य में 88 हजार ऋषियों ने तपस्या की थी। यहीं पर ऋषि दधीचि ने अपनी अस्थियाँ देवताओं को दान की थीं। फाल्गुन के महीने में यहाँ के लोग 84 कोस की परिक्रमा करते हैं।

सोनभद्र –

सोनभद्र जिले में 1441 गाँव और कुल 03 तहसीलें – घोरावल, दुधि, रॉबर्ट्सगंज हैं। यहाँ से बड़ी मात्र में कोयले की प्राप्ति होती है। कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा यहाँ के सिंगरौली क्षेत्र में खुदाई की जाती है। यहाँ से संगमरमर की भी प्राप्ति होती है। यहाँ के अनपरा नामक स्थान पर रिहन्द जलाशय के निकट कोयला आधारित अनपरा ताप विद्युत केंद्र की स्थापना जापान के सहयोग से की गयी है। विश्व की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील गोविंद वल्लभ पंत सागर झील इसी जिले में अवस्थित है। यहाँ का रेणुकूट राज्य में एल्युमिनियम उद्योग का केंद्र है

सुल्तानपुर –

सुल्तानपुर जिले में कुल 05 तहसीलें – सदर, जयसिंहपुर, लंभुआ, कादीपुर, बल्दीराय हैं। ऐसा माना जाता है कि इसकी स्थापना राम के पुत्र कुश ने कुशपुर/कुशभवनपुर के नाम से की थी।

उन्नाव –

उन्नाव जिले में 16 ब्लॉक और कुल 06 तहसीलें – सदर, हसनगंज, सफीपुर, पूरवा, बीघापुर, बाँगरमऊ हैं। इस जिले के अंतर्गत कुल 1044 गाँव आते हैं।

वाराणसी/बनारस/काशी –

यह विश्व का सबसे प्राचीन नगर है। यह जैन धर्म के 23 वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ का जन्मस्थल है। यह एक प्रमुख धार्मिक व पर्यटन स्थल है। यहाँ पर 23 अप्रैल 1956 को डीजल लोकोमोटिव वर्क्स की स्थापना मडुवाडीह में की गयी। यहाँ पर एक रेलवे संग्रहालय भी बना हुआ है। भगवान् के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ यहीं पर स्थापित हैं।

उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के RTO Code

RTO CodeजिलाRTO Codeजिला
UP 11सहारनपुरUP 12मुजफ्फरनगर
UP 13बुलंदशहरUP 14गाजियाबाद
UP 15मेरठUP 16गौतमबुद्ध नगर
UP 17बागपतUP 19शामली
UP 20बिजनौरUP 21मुरादाबाद
UP 22रामपुरUP 23ज्योतिबा फुले नगर
UP 24बदायूँUP 25बरेली
UP 26पीलीभीतUP 27शाहजहाँपुर
UP 30हरदोईUP 31लखीमपुर खीरी
UP 32लखनऊUP 32Aट्रांस गोमती ऑफिस लखनऊ
UP 33रायबरेलीUP 34सीतापुर
UP 35उन्नावUP 36अमेठी
UP 37हापुड़UP 38संभल
UP 40बहराइचUP 41बाराबंकी
UP 42फ़ैजाबाद/अयोध्याUP 43गोंडा
UP 44सुल्तानपुरUP 45आंबेडकर नगर
UP 46श्रावस्तीUP 47बलरामपुर
UP 50आजमगढ़UP 51बस्ती
UP 52देवरियाUP 53गोरखपुर
UP 54मऊUP 55सिद्धार्थनगर
UP 56महराजगंजUP 57कुशीनगर
UP 58संत कबीरनगरUP 60बलिया
UP 61गाजीपुरUP 62जौनपुर
UP 63मिर्जापुरUP 64सोनभद्र
UP 65वाराणसीUP 66भदोही
UP 67चंदौलीUP 70प्रयागराज
UP 71फतेहपुरUP 72प्रतापगढ़
UP 73कौशाम्बीUP 74कन्नौज
UP 75इटावाUP 76फर्रुखाबाद
UP 77कानपुर देहातUP 78कानपुर नगर
UP 79औरैयाUP 80आगरा
UP 81अलीगढUP 82एटा
UP 83फिरोजाबादUP 84मैनपुरी
UP 85मथुराUP 86हाथरस
UP 87काशीराम नगरUP 90बांदा
UP 91हमीरपुरUP 92जालौन
UP 93झाँसीUP 94ललितपुर
UP 95महोबाUP 96चित्रकूट

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