IPC की प्रमुख धाराएं भाग 2

IPC की प्रमुख धाराएं – भारतीय दण्ड संहिता ( Indian Penal Code ) की प्रमुख धाराएं :-

IPC – 301 :- जिस  मृत्यु कारित करने का आशय था उससे भिन्न व्यक्ति की मृत्यु करके आपराधिक मानव वध

IPC – 302 :- हत्या के लिए दण्ड

IPC – 304 :- हत्या की कोटि में न आने वाले आपराधिक मानव वध के लिए दण्ड

IPC – 305 :- शिशु या उन्मत्त व्यसक्ति की आत्महत्या का दुष्प्रेरण

IPC – 306 :- आत्महत्या का दुष्प्रेरण

IPC – 307 :- हत्या करने का प्रयत्न

IPC – 308 :- आपराधिक मानव वध करने का प्रयत्न

IPC – 309 :- आत्महत्या करने का प्रयत्न

IPC – 310 :- ठग

IPC – 312 :- गर्भपात कारित करना

IPC – 313 :- स्त्री की सम्मति के बिना गर्भपात कारित करना

IPC – 314 :- गर्भपात कारित करने के आशय से किये गए कार्यों द्वारा कारित मृत्यु

IPC – 315 :- शिशु का जीवित पैदा होना रोकने या जन्म के पश्चात उसकी मृत्यु कारित करने के आशय से किया गया कार्य

IPC – 317 :- शिशु के माता या पिता या उसकी देखरेख करने वाले व्यक्ति द्वारा 12 वर्ष के कम आयु के शिशु का अरक्षित डाल दिए जाना और परित्याग

IPC – 326 क :- अम्ल (acid) आदि का प्रयोग करके स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना

IPC – 326 ख :- स्वेच्छया अम्ल फेंकना या फेंकने का प्रयत्न करना

IPC – 328 :- अपराध करने के आशय से विष इत्यादि द्वारा उपहति कारित करना

IPC – 340 :- सदोष परिरोध

साधारण शब्दों में – किसी को बंदी बनाकर रखना या पकड़कर रखना

IPC – 341 :- सदोष अवरोध के लिए दण्ड

IPC – 342 :- सदोष परिरोध के लिए दण्ड

IPC – 343 :- तीन या अधिक दिनों के लिए सदोष परिरोध

IPC – 344 :- दस या अधिक दिनों के लिए सदोष परिरोध

IPC – 354 :- स्त्री की लज्जा भंग करने के आशय से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग

IPC – 354 क :- लैंगिक उत्पीड़न और लैंगिक उत्पीड़न के लिए दण्ड

IPC – 354 ख :- निर्वस्त करने के आशय से स्त्री पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग

IPC – 354 ग :- दृश्यरतिकता

किसी स्त्री की अश्लील तस्वीरें इत्यादि खींचना या उन्हें वायरल करना इत्यादि। इस धारा के अंतर्गत अपराध हैं।

IPC – 354 घ :- पीछा करना

IPC – 356 :- किसी व्यक्ति द्वारा ले जाई जाने वाली सम्पत्ति की चोरी के प्रयत्नों में हमला, आपराधिक बल का प्रयोग

IPC – 362 :- अपहरण

IPC – 363 :- व्यपहरण के लिए दण्ड

IPC – 364 :- हत्या करने के लिए व्यपहरण या अपहरण

IPC – 364 क :- मुक्ति-धन इत्यादि के लिए व्यपहरण

IPC – 366 :- विवाह आदि के करने को विवश करने के लिए किसी स्त्री को व्यपहरण करना, अपहृत करना या उत्प्रेरित करना

IPC – 366 क :- अप्राप्तवय लड़की का उपापन

IPC – 366 ख :- विदेश से लड़की का आयत करना

IPC – 370 :- व्यक्ति का दुर्व्यापार

IPC – 370 क :- ऐसे व्यक्ति जिसका दुर्व्यापार किया गया है, शोषण

IPC – 372 :- वेश्यावृत्ति आदि के प्रयोजन के लिए अप्राप्तवय को बेचना

IPC – 373 :- वेश्यावृत्ति आदि के प्रयोजन के लिए अप्राप्तवय का खरीदना

IPC – 374 :- विधि विरुद्ध अनिवार्य श्रम

IPC – 375 :- बलात्संग (बलात्कार)

परिस्थियाँ –

पहली – उस स्त्री की इच्छा के विरुद्ध

दूसरी – उस स्त्री की सम्मति के बिना

तीसरी – उस स्त्री की सम्मति से, जब उसकी सम्मति उसे या  व्यक्ति को, जिससे वह हितबद्ध है, मृत्यु या उपहति के भय में डालकर अभिप्राप्त की गयी है।

चौथी – उस स्त्री की सम्मति से, जबकि वह पुरुष यह जनता है कि वह उसका पति नहीं है। और उसने सम्मति  दी है कि यह विश्वास करती है कि ऐसा अन्य पुरुष है जिससे वह विधिपूर्वक विवाहित है या विवाहित होने का विश्वास करती है।

पांचवी – उस स्त्री की सम्मति से, जब ऐसी सम्मति देने के समय, वह विकृतचित्त या मत्तता के कारण या उस पुरुष द्वारा व्यक्तिगत रूप से या किसी अन्य के माध्यम से कोई संज्ञाशून्यकारी या अस्वास्थ्यकर पदार्थ दिए जाने के कारण, उस बात की जिसके बारे में वह सम्मति देती है, प्रकृति और परिणामों को समझने में समर्थ है।

छठी – उस स्त्री की सम्मति से या उसके बिना, जब वह 18 वर्ष से कम आयु की है।

सातवीं – जब वह स्त्री सम्मति संसूचित करने में असमर्थ है।

IPC – 376 :- बलात्संग के लिए दण्ड

IPC – 376 क :- पीड़िता की मृत्यु या लगातार विकृतशील दशा कारित करने के लिए दण्ड

IPC – 376 ख :- पति द्वारा अपनी के साथ पृथक्करण के दौरान मैथुन

IPC – 376 ग :- प्राधिकरण  व्यक्ति द्वारा मैथुन

IPC – 376 घ :-सामूहिक बलात्संग (सामूहिक बलात्कार)

IPC – 376 ड़ ;- पुनरावृत्तिकर्ता अपराधियों के लिए दण्ड

IPC – 377 – प्रकृति विरुद्ध अपराध (इन्द्रिय भोग )

IPC – 378 :- चोरी

IPC – 380 :- निवास गृह आदि में चोरी

IPC – 382 :- चोरी करने  मृत्यु, उपहति या अवरोध कारित करने की तैयारी के पश्चात चोरी

IPC – 390 :- लूट

जिस चोरी में व्यक्ति की उपहति, तत्काल सदोष अवरोध या मृत्यु कारित हो।

IPC – 391 :- डकैती

जब 5 या अधिक व्यक्ति संयुक्त होकर लूट करते हैं या करने का प्रयत्न करते हैं।

IPC – 392 :- लूट के लिए दण्ड

IPC – 393 :- लूट करने का प्रयत्न

IPC – 395 :- डकैती के लिए दण्ड

IPC – 396 :- हत्या सहित डकैती

IPC – 397 :- मृत्यु या घोर अपहति कारित करने के प्रयत्न के साथ लूट  डकैती

IPC – 398 :- घातक आयुध से सज्जित होकर लूट या डकैती करने का प्रयत्न

IPC – 402 :- डकैती करने के प्रयोजन से एकत्रित होना

IPC – 403 :- संपत्ति का बेईमानी से दुर्विनियोग

IPC – 410 :- चुराई हुयी संपत्ति

IPC – 413 :- चुराई हुयी संपत्ति का अभ्यस्तः व्यापर करना

IPC – 428 :- दस रूपये के मूल्य के जीव जंतुओं को वध करने या उसे विकलांग करने द्वारा रिष्टि

IPC – 431 :- लोक सड़क, नदी, पुल या जलसरणी को क्षति पहुंचाकर रिष्टि

IPC – 432 :- लोक जल निकास में नुकसानप्रद जलप्लावन या बाधा कारित करने द्वारा रिष्टि

IPC – 434 :- लोक प्राधिकारी द्वारा गए भूमिचिन्ह को नष्ट करने या हटाने आदि द्वारा रिष्टि

IPC – 436 :- गृह आदि को नष्ट करने के आशय से अग्नि या विस्फोटक पदार्थ द्वारा रिष्टि

IPC – 441 :- आपराधिक अतिचार

अपराध के उद्देश्य से किसी दूसरे की संपत्ति में प्रवेश करना

IPC – 442 :- गृह-अतिचार

मानव निवास हेतु प्रयुक्त किसी भी प्रकार के निर्माण यथा घर, तम्बू, जलयान, जो कि किसी और का है, में अपराध के उद्देश्य से प्रवेश करना।

IPC – 445 :- गृह-भेदन

IPC – 446 :- रात्रौ गृह-भेदन

IPC – 447 :- आपराधिक अतिचार के लिए दण्ड

IPC – 448 :- गृह-अतिचार के लिए दण्ड

IPC – 452 :- उपहति हमला या सदोष अवरोध की तैयारी के पश्चात गृह-अतिचार

IPC – 453 :- प्रच्छन्न गृह-अतिचार या गृह-भेदन के लिए दण्ड

IPC – 461 :- ऐसे पात्र को जिसमे संपत्ति है बेईमानी से तोड़कर खोलना

IPC – 462 :- इसी (IPC-461) अपराध के लिए दण्ड

IPC – 464 :- मिथ्या दस्तावेज रचना

IPC – 467 :- मूल्यवान प्रतिभूति, विल इत्यादि की कूट रचना (copy करना)

IPC – 478 :- व्याकरण चिन्ह

IPC – 479 :- संपत्ति चिन्ह

IPC – 489 क :- करेंसी नोटों या बैंक नोटों का कूटकरण (copy करना)

IPC – 493 :- विधिपूर्ण विवाह का प्रवंचना से विश्वास उत्प्रेरित करने वाले पुरुष द्वारा कारित सहवास

विधिपूर्वक विवाहित न होते हुए भी किसी स्त्री को यह विश्वास दिलाकर सहवास करना कि वह विधिपूर्वक उससे विवाहित है।

IPC – 494 :- पति या पत्नी के जीवनकाल में पुनः विवाह करना

IPC – 495 :- पूर्व विवाह की जानकारी छुपा कर दूसरा विवाह करना

IPC – 496 :- विधिपूर्ण विवाह के बिना कपटपूर्ण विवाह कर्म पूरा कर लेना

IPC – 497 :- जारकर्म

किसी दूसरे की पत्नी या पति के साथ सहवास करना जो बलात्कार की श्रेणी में नहीं आता वह जारकर्म कहलाता है। इस धारा के अंतर्गत दण्डनीय अपराध है।

IPC – 498 :- विवाहिता स्त्री को आपराधिक आशय से फुसलाकर ले जाना, ले जाना या निरुद्ध रखना

सामान्य शब्दों में – किसी दूसरे की बीबी को भगा ले जाना।

IPC – 498 क – किसी स्त्री के पति या पति के नातेदार द्वारा उसके प्रति क्रूरता करना

IPC – 499 :- मानहानि

IPC – 500 :- मानहानि के लिए दण्ड

IPC – 508 :- व्यक्ति को यह विश्वास करने के लिए उत्प्रेरित करके कि वह दैवी अप्रसाद का भाजन होगा, कराया गया कार्य

IPC – 509 :- शब्द, अंग विक्षेप या कार्य जो किसी स्त्री की लज्जा का अनादर करने के लिए आशयित है

IPC – 510 :- मत्त व्यक्ति द्वारा लोकस्थान में अवचार

साधारण शब्दों में – शराब या अन्य मादक पदार्थों के नशे में सार्वजानिक स्थल पर हंगामा करना।

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