नरेंद्र मोदी का जीवन परिचय

भारत के 15 वें प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी ( Narendra Damodardas Modi ) का जीवन परिचय :-

जन्म व प्रारंभिक जीवन

नरेन्द्र मोदी का जन्म एक मध्यम गुजराती परिवार में तत्कालीन बॉम्बे के मेहसाना जिले के बडनगर में 17 सितंबर 1950 को हुआ था। स्वतंत्र भारत में जन्मे यह भारत के प्रथम प्रधानमंत्री है। इनके पिता का नाम दामोदर दास मूलचंद मोदी और माता का नाम हीराबेन मोदी है। ये अपने माता-पिता की 5 संतानो में से तीसरे क्रम के हैं। सामाजिक तौर पर ये अन्य पिछड़ा वर्ग के “मोड़-घांची-तेली’ समुदाय से हैं।

शिक्षा व युवा जीवन

इन्होंने अपनी प्रारंभिक स्कूली शिक्षा बड़नगर के भगवताचार्य नारायणाचर्य स्कूल से पूरी की। प्रारम्भ में ये एक मध्यम दर्जे के छात्र थे परन्तु वाद-विवाद और नाटक प्रतियोगिताओं में एक्टिंग में इनकी वेहद रूचि थी। ये NCC में भी शामिल हुए। युवावस्था में ये छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के सदस्य रहे। इन्होंने भ्रष्टाचार विरोधी नव निर्माण आंदोलन में भी हिस्सा लिया। प्रारम्भ में ये अपने पिता की चाय की दुकान पर हाथ बटाया करते थे। बाद में अपने भाई के साथ एक चाय का स्टॉल खोल लिया। आरएसएस के प्रचारक रहते हुए इन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान से स्नातकोत्तर की परीक्षा और एमएससी की उपाधि हासिल की।

पढ़ाई के दौरान ये घर छोड़ कर भाग गए और पश्चिम बंगाल के रामकृष्ण आश्रम सहित बहुत सी जगहों पर घूमते रहे। हालांकि ये बचपन से ही आरएसएस से जुड़े हुए थे। गुजरात RSS के पहले प्रान्त प्रचारक लक्ष्मण राव इनामदार ने 1958 में इन्हें बाल स्वयंसेवक की शपथ दिलाई। ये बहुत मेहनती कार्यकर्ता थे। RSS के नेताओं के बस और ट्रेन में रिजर्वेशन का जिम्मा इन्हीं के हाथों में था। बाद में ये घर छोड़कर संघ के प्रचारक बन गए। मातृभाषा गुजराती होने के बाद भी ये अधिकतर हिंदी का प्रयोग करते हैं।

वैवाहिक जीवन

मात्र 13 वर्ष की अवस्था में इनकी सगाई बांसकाठा जिले के राजोसोना गांव की जसोदा बेन चमनलाल से कर दी गयी। और 4 साल बाद 17 वर्ष की अवस्था में इनका विवाह हुआ। परन्तु इनके अलग होने के दो मत हैं। एक मतानुसार ये दोनों कुछ सालों तक साथ रहे उसके बाद किसी कारणवश ये अलग हो गए। दूसरे मत के अनुसार ये कभी साथ रहे ही नहीं। हालाँकि मोदी जी ने शपथ पत्र प्रस्तुत कर जसोदाबेन को अपनी पत्नी स्वीकार किया है।

राजनीतिक जीवन

कुछ सालों बाद इन्होंने अपना घर छोड़ दिया और दो साल तक संपूर्ण भारत का भ्रमण किया। 1971 में ये आरएसएस के पूर्णकालिक कार्यकर्ता बन गए। 1985 में वह बीजेपी से जुड़े और सचिव पद तक पहुँच गए। 1995 में इन्हें भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया। 1998 से अक्टूबर 2001 तक ये पार्टी के महासचिव ( संगठन ) भी रहे।

मुख्यमंत्री के रूप में

2001 में गुजरात में आये भूकंप से 20 हजार लोगों की मृत्यु हो गयी। तात्कालिक मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल की जगह 3 अक्टूबर 2001 को मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री नियुक्त किये गए। गुजरात के 14 वें मुख्यमंत्री के तौर पर 7 अक्टूबर 2001 को इनका कार्यकाल प्रारम्भ हुआ। इसके बाद 2002 में होने वाले गुजरात विधान सभा चुनाव की पूरी जिम्मेदारी इनके कंधों पर आ गयी। 2002 के चुनाव में इन्होंने राजकोट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और कांग्रेस के अश्विन मेहता को 14728 वोटों से हराया। मुख्यमंत्री के तौर पर 22 मई 2014 तक इन्होंने 4 बार लगभग 13 वर्ष कार्य किया। इसके बाद आनंदीबेन पटेल को गुजरात का CM बना दिया गया।

गोधरा रेल काण्ड

इनके मुख्यमंत्री बनने के पाँच माह पश्चात ही गोधरा रेल हादसा हुआ। इसमें बहुत से हिंदू कारसेवक मारे गए। फरवरी 2002 में गुजरात में मुसलमानों के विरुद्ध दंगे भड़क गए। सरकार के मुताबिक इन दंगों में लगभग 1000 लोग मारे गए। मोदी पर इन दंगों को न रोक पाने का आरोप लगा क्योंकि उन्होंने अपने कर्तव्य का निर्वहन नहीं किया। जब इन्हें पद से हटाने की बात हो रही थी तब लालकृष्ण आडवाणी ने इनका साथ दिया और ये पद पर बने रहे। इन दंगो की बात जब विदेश में फैली तो मोदी को अमेरिका ने 2005 में वीजा देने से इनकार कर दिया। ब्रिटेन ने भी 10 साल के लिए इनसे अपने रिश्ते तोड़ लिए। किसी कोर्ट में इनके खिलाफ कोई आरोप सिद्ध नहीं हुआ। दिसंबर 2002 में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में इन्हें भारी बहुमत प्राप्त हुआ। चौंकाने वाली बात ये थी कि दंगा प्रभावित क्षेत्रों में इन्हें सबसे ज्यादा फायदा हुआ।

लोकसभा चुनाव 2014

13 सितम्बर 2013 को संसदीय बोर्ड की एक बैठक हुयी। इसमें मोदी को 2014 के लोकसभा चुनाव हेतु प्रधानमंत्री पद का दावेदार घोषित किया गया। पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने इसकी घोषणा की। लालकृष्ण आडवाणी इस बैठक में उपस्थित नहीं थे। इसके बाद मोदी ने चुनाव की कमान राजनाथ सिंह को सौंप दी। प्रधानमंत्री पद का दावेदार घोषित किये जाने के बाद मोदी ने पहली रैली रिवाड़ी ( हरियाणा ) में की। इसके बाद इन्होंने संपूर्ण भारत में रैलियाँ करना शुरू किया। इन रैलियों की शुरुवात इन्होंने 26 मार्च 2014 को जम्मू से की और अंत बलिया में किया। इस चुनाव में इन्होंने स्वयं लोकसभा उम्मीदवार के रूप में वड़ोदरा और वाराणसी से चुनाव लड़ा। इन दोनों ही सीटों पर इन्हें जीत हासिल हुयी। बाद में वड़ोदरा सीट से इस्तीफ़ा देकर संसद में वाराणसी का प्रतिनिधित्व किया।

चुनाव के परिणाम

इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 282 सीटें और NDA को कुल 336 सीटें प्राप्त हुईं। इसके अतिरिक्त कांग्रेस को सिर्फ 44 सीटें ही प्राप्त हुईं।

प्रधानमंत्री के रूप में

26 मई 2014 को नरेंद्र दामोदर दास मोदी ने स्वतंत्र भारत के 15 वें प्रधानमंत्री की शपथ ली। इनके साथ 45 अन्य मंत्रियों ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ग्रहण की।

शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित अन्य राष्ट्रों के प्रमुख

  • नेपाल के प्रधानमंत्री – सुशील कोइराला 
  • पाकिस्तान के प्रधानमंत्री – नवाज शरीफ
  • श्रीलंका के प्रधानमंत्री – महिंद्रा राजपक्षे 
  • भूटान के प्रधानमंत्री – शेरिंग तोबगे 
  • मॉरीशस के प्रधानमंत्री – नवीनचंद्र रामगुलाम 
  • मालदीव के राष्ट्रपति – अब्दुल्ला यामीन अब्दुल गयूम 
  • अफगानिस्तान के राष्ट्रपति – हामिद करजई 

इनके अतिरिक्त भारत के सभी मुख्यमंत्रियों को भी इस समारोह में आमंत्रित किया गया था। परन्तु मोदी जी की माँ हीराबेन और अन्य तीन भाई इस शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए थे।

प्रधानमंत्री बनने के बाद

  • 2 अक्टूबर 2014 को सम्पूर्ण भारत में स्वच्छ भारत अभियान की शुरुवात की। इसकी टैग लाइन “एक कदम स्वच्छता की ओर” रखी गयी। गाँधी जी की 150 वीं जयंती को इसका लक्ष्य पूर्ण करने की तिथि सुनिश्चित किया गया। साथ ही देश के नागरिकों से प्रतिवर्ष इसमें 100 घंटों का श्रमदान देने का आह्वान किया।
  • जनता से जुड़ने हेतु “मन की बात” कार्यक्रम के माध्यम से जनता को संबोधन।
  • पद ग्रहण के बाद इन्होंने विदेशी दौरे के लिए सर्वप्रथम भूटान को चुना।
  • अमेरिका व चीन से पहले जापान की यात्रा की।
  • 70 वर्ष से अधिक के सांसदों एवं विधायकों को मंत्रिपद न देने का कड़ा निर्णय लिया।
  • योजना आयोग की जगह नीति आयोग का गठन किया।

सम्मान व पुरस्कार

  • जून 2016 में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अफगानिस्तान के उच्चतम नागरिक सम्मान अमीर अमानुल्ला खान पुरस्कार से सम्मानित किया।
  • 2016 में सऊदी अरब के उच्चतम नागरिक सम्मान अब्दुल अजीज अल सऊद के आदेश से नवाजा गया।
  • 2018 में फिलिस्तीन ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान Grand Colar से सम्मानित किया।
  • 2018 में दक्षिण कोरिया ने Seoul Peace Prize से सम्मानित किया।
  • 4 अप्रैल 2019 को UAE के सर्वोच्च अवार्ड जायद से सम्मानित किया गया।
  • 2019 में मालदीव ने अपने सर्वोच्च सर्वोच्च सम्मान Rule of Izzudeen से सम्मानित किया।
  • 11 अप्रैल 2019 को रूस के सर्वोच्च सम्मान “Order of St Andrew the Apostle” से सम्मानित किया गया।
  • अगस्त 2019 में बहरीन के सम्मान ‘द् किंग हमाद ऑर्डर ऑफ दे रेनेसां’ से सम्मानित किया गया।
  • सितंबर 2019 में बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा मोदी को सम्मानित करने की घोषण।
  • दिसंबर 2021 में भूटान ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘नगदग पेल जी खोरलो’ से सम्मानित किया।

मोदी के बारे में पुस्तकें

  • “कुशल सारथी नरेंद्र मोदी” – पंकज कुमार
  • दूरदृष्टा नरेंद्र मोदी – पंकज कुमार
  • नरेंद्र मोदी का राजनैतिक सफर – तेजपाल सिंह
  • नरेंद्र मोदी एक आश्वासक नेतृत्व – डॉ रविकांत और शशिकला उपाध्याय
  • नरेंद्र मोदी एक झंझावात – डॉ दामोदर

मोदी की रचनाएं

  • कर्मयोग
  • आपातकाल में गुजरात
  • ज्योतिपुंज
  • सामाजिक समरसता ( मोदी के लेखों का संकलन)
  • एक भारत : श्रेष्ठ भारत
  • सेतुबन्धु ( सहलेखक )

इनके बारे में रोचक तथ्य

  • ये पूर्ण रूप से शाकाहारी हैं और सिगरेट, शराब को कभी हाथ नहीं लगाया।
  • इन्हें बचपन में नरिया कहकर पुकारा जाता था।
  • इन्होंने भारत-पाक युद्ध के दौरान स्टेशनों पर सफर कर रहे सैनिकों की स्वेच्छा से सेवा की।
  • Twitter पर विश्व के दूसरे सर्वाधिक follow किये जाने वाले व्यक्ति हैं।
  • ये बचपन से ही साधु संतो से अत्यधिक प्रभावित हुए और संयासी बनाना चाहते थे।
  • ये कई महीनों तक हिमालय में साधुओं के साथ भी रहे।
  • लालकृष्ण आडवाणी को इनका राजनीतिक गुरु माना जाता है।
  • ये पतंगबाजी का भी शौक रखते हैं।

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