विश्व के ज्वालामुखी (Volcanoes of the World)

विश्व के ज्वालामुखी (Volcanoes of the World) – ज्वालामुखी भू-पटल पर वे छिद्र या विविर हैं जिनसे मैग्मा, जलवाष्प, गैस व राख का उदगार होता रहता है। ज्वालामुखी तीन प्रकार के होते हैं – सक्रिय ज्वालामुखी, सुषुप्त ज्वालामुखी, मृत ज्वालामुखी। उदगार के समय भू-गर्भ में उपस्थित तरल पदार्थ को मैग्मा कहा जाता है। जब ये मैग्मा पृथ्वी की सतह पर फ़ैल जाता है तो इसे लावा कहा जाता है। सिलिका के आधार पर लावा दो प्रकार का होता है – एसिड लावा और बेसिक लावा। एसिड लावा अत्यधिक गाढ़ा व चिपचिपा होता है। इसमें सिलिका की मात्रा अधिक होती है। बेसिक लावा हल्का व पतला होता है, इसमें सिलिका की मात्रा कम होती है। निकलने वाला यह पदार्थ अत्यधिक गर्म होता है। उस वक्त इसका ताप 600° – 1200° सेल्सियस तक होता है। पृथ्वी की सतह पर ठंडा होने के बाद यह लावा आग्नेय चट्टान का रूप लेता है।

लिपारी द्वीप पर स्थित स्ट्राम्बोली ज्वालामुखी को भूमध्यसागर का प्रकाश स्तंभ कहा जाता है। अमेरिका के हवाई द्वीप पर अवस्थित किलायू ज्वालामुखी विश्व का सर्वाधिक सक्रिय ज्वालामुखी है।

ज्वालामुखी विस्फोट से निकलने वाली गैसें –

ज्वालामुखी उदगार में निकलने वाली गैसों में सर्वाधिक मात्रा जलवाष्प की होती है। इसके अतिरिक्त कार्बन डाईऑक्साइड और सल्फर डाई ऑक्साइड भी उदगार में निकलने वाली गैस हैं। उदगार में उत्सर्जित होने वाली अन्य गैसें – हाइड्रोजन, हाइड्रोजन सल्फाइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड, हाइड्रोजन क्लोराइड, हाइड्रोजन फ्लोराइड, हीलियम हैं।

आतंरिक आग्नेय चट्टानें –

जब लावा धरातल पर पहुँचने से पहले ही उसके नीचे जम जाता है तो आतंरिक आग्नेय चट्टानों की संरचना बनती है। ये दो प्रकार की होती है – प्लूटोनिक/पातालीय चट्टानें, अधिवितलीय/मध्यवर्तीय चट्टानें।

ज्वालामुखीस्थितिज्वालामुखीस्थिति
कोटोपैक्सीइक्वाडोरस्ट्राम्बोलीलीपापी द्वीप (भूमध्यसागर)
माउंट एटनासिसली द्वीप (इटली)माउंट इरेबसरॉस (अंटार्कटिका)
मोनालोआहवाई द्वीपफ्यूजियामाजापान
विसुवियसनेपल्स की खाड़ी (इटली)क्राकाटाओइंडोनेशिया
किलिमंजरोतंजानियामाउंट रेनियरUSA
आजोसडेल सडेलोअर्जेंटीना-चिलीपोपोकैटेपिटलमेक्सिको
माउंट कैमरूनकैमरून (अफ्रीका)माउंट पीलीमर्टिनीक द्वीप
हेक्ला व लाकीआइसलैंडकटमईअलास्का (USA)
माउंट रेनियरUSAमाउंट शास्ताUSA
चिंबरजोइक्वाडोरमाउंट तालफिलीपींस
माउंट पिनाटुबोफिलीपींसकोह सुल्तानईरान
मेयानाफिलीपींसइजाफ जालाजोकुलआइसलैंड

नोट – बाल्टिक सागर में ज्वालामुखी उदगार नहीं होते।

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