किसने क्या कहा ( Who said ) – विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में ‘किसने क्या कहा’ प्रकार का प्रश्न पूछ लिया जाता है।
- स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा – बाल गंगाधर तिलक
- पूर्ण स्वराज्य – जवाहर लाल नेहरू
- हिंदी, हिंदू, हिंदुस्तान – भारतेंदु हरिश्चंंद्र
- तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूँगा – सुभाषचंद्र बोस
- The Ballot is Stronger than Bullet – अब्राहम लिंकन
- दुनिया के मजदूरो एक हो जाओ – कार्ल मार्क्स
- सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है – रामप्रसाद बिस्मिल
- सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा – मोहम्मद इक़बाल
- जय हिंद – सुभाषचंद्र बोस
- मैं ही राज्य हूँ – लुई 14 वां
- सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है – रामप्रसाद बिस्मिल
- दुःख ही जीवन की कथा रही, क्या कहूं आज जो कही नहीं – सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
- यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता – मनुस्मृति
- साम्राज्य वाद का नाश हो – भगत सिंह
- Who Lives if India Dies – जवाहरलाल नेहरू
- भारत में अनेकता में एकता और एकता में अनेकता है – विंसेट स्मिथ
- दिल्ली चलो – सुभाषचंद्र बोस
- हे राम – महात्मा गाँधी
- वेदों की ओर लौटो – दयानन्द सरस्वती
- आराम हराम है – जवाहरलाल नेहरू
- कर मत दो – वल्लभ भाई पटेल
- मारो फिरंगी को – मंगल पाण्डेय
- साइमन कमीशन बापस जाओ – लाला लाजपत राय
- मेरे सर पर लाठी का एक एक प्रहार, अंग्रेजी शासन के ताबूत की कील साबित होगा – लाला लाजपत राय
- करो या मरो – महात्मा गाँधी
- मरो नहीं मारो – लालबहादुर शास्त्री
- जो हमारे साथ नहीं है वह हमारे विरुद्ध है – हिटलर
- इंक़लाब जिंदाबाद – भगत सिंह
- जय जगत – विनोबा भावे
- जय जवान, जय किसान – लाल बहादुर शास्त्री
- जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान – अटल बिहारी बाजपाई
- जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान – नरेन्द्र मोदी
- कांग्रेस के लोग पदों के भूँखे हैं – बंकिम चंद्र चटर्जी
- अंग्रेजो भारत छोड़ो – महात्मा गाँधी
- चलो अच्छा हुआ की बुद्ध नहीं रहे, अब हम स्वतंत्र हैं – सुभद्र
- मेरे घोड़े तीन समुद्र का पानी पीते हैं – गौतमीपुत्र शातकर्णि
- भारत में दासप्रथा का अस्तित्व नहीं – इण्डिका
- धरती लोगों से भरी पड़ी है, पर गांव के लोग बहुत बदहाल हैं जबकि कुलीन अत्यंत समृद्ध हैं और विलासिता का सुख लूटते हैं – निकितन
- न किसी की आँख का नूर हूँ, न किसी के दिल का करार हूँ। जो किसी के काम न आ सका, मैं वो बुझता हुआ चिराग हूँ – बहादुरशाह जफर
- साडी प्रजा मेरी संतान हैं – धौली अभिलेख
- गंगा की घाटी का सारा धन चूसकर वे (अंग्रेज) टेम्स की घाटी में निचोड़ देते थे – जॉन सुलविन
- मुगलकाल में मध्यवर्ग (बुद्धिजीवी) बहुत कम था – मोरलैण्ड
- जब महिलाओं पर अत्याचार चलता रहेगा तब तक भारतीय पुरुषों को यह अधिकार नहीं कि वे भारत के शासन का प्रबंध अपने हाथों में लें – वेब मिलर
- सम्पूर्ण क्रांति – जयप्रकाश नारायण
- जन गण मन अधिनायक जय हे – रवींद्र नाथ टैगोर
- जो काम पचास हजार हथियारबंद सिपाही न कर सके वह काम गाँधी जी ने कर दिखाया – लॉर्ड माउंटबेटन
- मुग़ल शासकों में बहादुरशाह प्रथम अंतिम सम्राट था जिसके संबंध में कुछ अच्छे सकते हैं – ओवन सिडनी
- आज कुफ्र का दरवाजा टूट गया – जसवंत सिंह
- विजयी विश्व तिरंगा प्यारा – श्यामलाल पार्षद
- जहाँगीर के पास कबूतरबाजी के लिए दस हजार कबूतर थे – हॉकिंस
- बलबन की मृत्यु पर लोगों ने कपड़े फाड़े और शोक मनाया – बरनी
- भारत में शूद्रों और वैश्यों की आर्थिक स्थिति में कोई अंतर नहीं है – अलबरूनी
- इतिहास समाज में सन्निवसित मानवीय अनुभवों की कहानी है – रेनियर
- अक़बर का मकबरा एक महान भारतीय शासक का पुण्यस्मारक है – हैवेल
- तुर्कों की विजय ने क्रमशः शहरी क्रांति और ग्रामीण क्रांति को जन्म दिया – प्रो० हबीब
- लिपि ज्ञान के पूर्व किसी क्षेत्र, देश, राष्ट्र मानव का इतिहास ही प्रागैतिहास है – H D संकालिया
- मौर्यकालीन नावों पर राज्य का एकाधिकार था – स्ट्रेबो ने
- स्थानीय पश्चिमी देशों से सुरा व सुंदरियों का आयत किया जाता था – नाविकयार
- गोरी पृथ्वीराज को अजमेर ले गया जहाँ उसने गोरी के अधीन कुछ वर्षों तक राज्य किया – हसन निजामी
- पाटलिपुत्र का अवसान हो गया और उसकी समृद्धि कन्नौज में चली गयी – ह्वेनसांग
- अनेक हिंदू जुलूसों के रूप में गीत गाते, ढोल बजाते मेरे महल के पास से गुजरते हुए मूर्ति विसर्जन को जाते हैं, परन्तु मैं कुछ नहीं कर पाता हूँ – जलालुद्दीन खिलजी
- इसने (अलाउद्दीन खिलजी) इतने निर्दोष रक्त बहाये जितने मिश्र के फराहों शासकों ने भी नहीं बहाये थे – बरनी
- सुल्तान को प्रजा से और प्रजा को सुल्तान से मुक्ति मिल गयी – बदायूंनी
- अफगान टिड्डी के झुंड की भांति भारत की ओर चल पड़े – अब्बास खां शेरवानी
- यदि मैं अपने गुलाम को भी पालकी में बिठा दूँ। तो मेरे आदेश पर मेरे सारे सरदार उसे अपने कंधों पर उठा ले जायेंगे – सिकंदर लोदी
- जो भी ईश्वर को प्राप्त करना चाहता है वे मेरे पास आएं मैं उनको ईश्वर तक पहुँचाऊँगा – शाह अब्दुल्ला सत्तारी
- हिंदुस्तानियों ने मुझसे खुलकर दुश्मनी निभाई। जिधर भी मेरी सेना गयी हिंदुस्तानियों ने अपने घरों को जला दिया तथा कुओं में जहर डाल दिया – बाबर
- महाराणा प्रताप की देशभक्ति ही उनका अपराध था – स्मिथ
- मैं शिवाजी को हिंदू प्रजाति का अंतिम रचनाकार प्रतिभासंपन्न व्यक्ति तथा राष्ट्रनिर्माता मानता हूँ – यदुनाथ सरकार
- रियायत की अनुमति कर निर्धारण के समय दी जा सकती है, बसूली के समय नहीं – शेरशाह सूरी
- मुसलमान मूर्ख थे जो उन्होंने सुरक्षा की मांग की। और हिंदू उनसे भी मूर्ख थे जो उन्होंने उस मांग को ठुकरा दिया – अबुल कलाम आजाद
- भारत भारतीयों के लिए – आर्य समाज
- सुख में सुमिरन सब करें, दुख में करे न कोय – कबीर दास
- हम मानवता को वहाँ ले जाना चाहते हैं, जहाँ न वेद हैं न कुरान और न ही बाइबिल – स्वामी विवेकानंद
- Blind leads the blind, It is The Democratic Way – हेनरी मिलर
- पुरुषों के लिए युद्ध वही है, जो स्त्रियों के लिए मातृत्व – मुसोलिनी