अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन परिचय (Atal Bihari Vajpaee Biography) – अटल बिहारी वाजपेयी एक कवि, विचारक, राजनीतिज्ञ और बहुमुखी प्रतिभा के घनी थे। भारत के 10 वें प्रधानमंत्री अटल जी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में हुआ था। इनकी माता का नाम कृष्णा देवी और पिता का नाम कृष्णा बिहारी बाजपेयी था। इनके पिता एक स्कूल में अध्यापक और कवि थे। अटल जी आजीवन अविवाहित रहे और देश की सेवा में योगदान दिया। परन्तु इन्होंने दो बेटियों नमिता और नंदिता को गोद लिया।
शैक्षणिक जीवन –
इन्होंने बीo एo की परीक्षा ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज से पास की जिसका नाम बदलकर अब लक्ष्मीबाई कॉलेज कर दिया गया है। इसके बाद अर्थशास्त्र में एम्o एo की शिक्षा दयानंद एंग्लो वैदिक कॉलेज, कानपुर से प्राप्त की। इसके बाद आगे की पढाई के लिए इन्होंने LAW में एडमिशन लिया परन्तु मन नहीं लगा। सन् 1939 में ये आरएसएस से जुड़ गए और 1947 में उसके पूर्णकालिक प्रचारक बन गए।
राजनीतिक जीवन –
आजादी से पहले इन्होने अपने राजनीतिक सफर की शुरुवात एक स्वतंत्रता सेनानी के रूप में की और बहुत से बड़े-बड़े नेताओं के साथ काम किया। आजादी के बाद इन्होंने सन् 1955 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा परन्तु सफलता हासिल नहीं हुयी। इसके बाद सन् 1957 में बलरामपुर (जिला – गोंडा, UP) से जनसंघ की ओर से विजय प्राप्त की।
प्रधानमंत्री के रूप में –
अटल बिहारी वाजपेयी जी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे। पहली बार 16 मई 1996 से 01 जून 1996 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। दूसरी बार 19 मार्च 1998 से 13 अक्टूबर 1999 तक और तीसरे कार्यकाल में 13 अक्टूबर 1999 से 21 मई 2004 तक प्रधानमंत्री रहे। इस तरह प्रधानमंत्री के रूप में 05 वर्ष का कार्यकाल पूरा करने वाले ये पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री बने।
राजनीति के क्षेत्र में अन्य उपलब्धियाँ –
- ये दो बार राज्यसभा सदस्य और कुल 09 बार लोकसभा सदस्य रहे।
- ये अपने जीवनकाल में चार अलग-अलग प्रदेशों (UP, MP, गुजरात, दिल्ली) से सांसद चुने जाने वाले नेता हैं।
- पंo दीनदयाल की मृत्यु के बाद सन् 1968 से 1973 तक भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष रहे।
- मोरारजी देसाई की सरकार में सन् 1977 से 1979 तक विदेश मंत्री रहे। परंतु जनता पार्टी से असंतुष्ट होकर 1980 ईo में इन्होंने पार्टी छोड़ दी।
- इसके बाद 06 अप्रैल 1980 को इन्होंने लालकृष्ण आडवाणी और भैरो सिंह शेखावत के साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी की स्थापना की।
- 1984 के लोकसभा चुनाव में इनकी पार्टी मात्र 02 सीटों से चुनाव हार गयी।
- 1989 के लोकसभा चुनाव में BJP ने जीत हासिल की।
- इसके बाद विपक्ष की मांग पर समय से पहले 1991 में एक बार फिर लोकसभा चुनाव हुए और इस बार फिर इनकी पार्टी ने जीत हासिल की।
- सन् 1993 में ये संसद में विपक्ष के नेता बने।
- सन् 1995 में इन्हे प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित किया गया।
- सन् 1998 में पोखरण में हुए परमाणु परीक्षण अटल सरकार की बहुत महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित हुए।
- सन् 2001 में अटल जी ने सर्वशिक्षा अभियान की भी शुरुवात की।
- सन् 2001 में इन्होंने परवेज मुशर्रफ को भारत आने का न्योता दिया। दोनों नेताओं के बीच आगरा में वार्ता हुयी। इसके बाद दोनों देशों भारत-पाकिस्तान के बीच बस सेवा भी शुरू की गयी और स्वयं अटल जी ने इस बस में सफर किया।
- सन् 2005 के बाद से इन्होंने स्वयं को राजनीति से पृथक कर लिया।
मृत्यु –
इनका निधन 16 अगस्त 2018 को दिल्ली के एम्स में हो गया। 17 अगस्त 2018 को हिंदू रीति-रिवाज के तहत उनकी दत्तक पुत्री नमिता कौल भट्टाचार्य ने मुखाग्नि दी। इनकी मृत्यु पर भारत सरकार ने सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की। इनकी अस्थियों का विसर्जन हरि की पौड़ी (हरिद्वार, उत्तराखंड) के साथ-साथ भारत की अन्य प्रमुख नदियों में किया गया। इनकी समाधि राजघाट के निकट शांति वन में बनाई गयी।
सम्मान व पुरस्कार –
- सन् 1992 में पीo वीo नरसिम्हा राव सरकार में इन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
- सन् 1994 में लोकमान्य तिलक अवार्ड और पंडित गोविंद वल्लभ पंत अवार्ड से सम्मानित किया गया।
- सन् 1994 में ही बेस्ट सांसद का अवार्ड इन्हें प्राप्त हुआ।
- 2014 में भारत का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से इन्हें सम्मानित किया गया। पहली बार भारत के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी (तत्कालीन) ने प्रोटोकॉल तोड़कर यह सम्मान उनके आवास पर जाकर दिया।
- भारत सरकार ने इनके जन्मदिवस 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की।