17 दिसंबर 2019 दैनिक समसामयिकी (Daily Current Affairs)

17 दिसंबर 2019 दैनिक समसामयिकी (Daily Current Affairs) – 17 दिसंबर 2019 से सम्बन्धित राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय राजनैतिक, आर्थिक, खेल आदि से सम्बन्धित महत्वपूर्ण घटनाक्रम, प्रसिद्ध व्यक्तियों के निधन से जुड़े समाचार तथा दैनिक समसामयिकी टेस्ट –

परवेज मुशर्रफ को फाँसी की सजा –

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ को पाकिस्तान की एक अदालत ने आज 17 दिसंबर 2019 को मौत की सजा सुना दी है। 03 नवंबर 2007 को पाकिस्तान में आपातकाल की घोषणा करने के लिए इन पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद साल 2013 में अदालत ने इस मामले में सुनवाई करना शुरु किया। इसी क्रम अदालत द्वारा इन्हें देशद्रोह में दोषी पाए जाने पर ये सजा सुनाई गई है। पेशावर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश वकार अहमद सेठ की अध्यक्षता में बनी तीन सदस्यीय न्याय़िक पीठ ने यह सजा सुनाई। ये साल 1999 से 2008 तक पाक सेना के प्रमुख रहे। फिलहाल परवेज मुशर्रफ इस वक्त देश से बाहर दुबई में हैं, इन्होंने मार्च 2016 में पाकिस्तान छोड़ दिया था और तब से बापस नहीं आए। इन्हें पहले ही पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या के मामले में भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। ये 20 जून 2001 से 18 अगस्त 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे।

ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स – 2019

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम द्वारा साल 2019 हेतु ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स को जारी किया गया है। इस सूची में आइसलैंड शीर्ष स्थान पर विश्व का सबसे बेहतर देश है, यहां महिलाओं के साथ किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं होता। भारत को इस सूची में बहुत निचले पायदान पर 112 वें स्थान पर रखा गया है। भारत साल 2018 की तुलना में चार रैंक और पीछे चला गया है। वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम ने साल 2006 में यह रिपोर्ट पहली बार जारी की थी तब भारत को 98 वां स्थान प्राप्त हुआ था।

भारत के अगले थलसेना प्रमुख होंगे ले. जनरल मनोज मुकुंद नरवाने –

ले. जनरल मनोज मुकंद ने सितंबर 2019 में वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ का पद संभाला था। इससे पहले वे सेना की पूर्वी कमान की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। अब इन्हें भारतीय थल सेना का प्रमुख बनाने का निर्णय लिया गया है। इसी साल के अंत में 31 दिसंबर को सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। उनके स्थान पर अब मनोज मुकुंद को नियुक्त किया जाएगा। ये श्रीलंका की शांति सेना में भी भाग ले चुके हैं और तीन साल तक म्यांमार में भी अपनी सेवा प्रदान कर चुके हैं।

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