उत्तर प्रदेश की नहरें (Canals in Uttar Pradesh)

उत्तर प्रदेश की नहरें (Canals in Uttar Pradesh) – उत्तर प्रदेश में नल कूपों के अतिरिक्त नहरें भी कृषि की सिंचाई का प्रमुख साधन हैं। इनके बारे में विस्तृत जानकारी निम्नलिखित है –

शारदा नहर –

यह उत्तर प्रदेश की सबसे लम्बी नहर है। शाखाओं और उप-शाखाओं सहित इसकी कुल लंबाई 12368 किलो मीटर है। इसका निर्माण ब्रिटिश काल में 1920 से 1928 के बीच हुआ था। इसी नहर पर ख़ातिमा शक्ति केंद्र अवस्थित है।

बेतवा नहर –

इस नहर का निर्माण 1885 में किया गया। यह झाँसी के निकट पारीछा नामक स्थल से निकलती है। इसकी दो शाखाएं हमीरपुर और कठौना हैं।

सरयू / घाघरा नहर –

यह नहर नानपारा तहसील ( बहराइच ) में कतरकनिया घाट के निकट के पास से घाघरा नदी से निकलती है।

गंडक नहर –

यह उत्तर प्रदेश और बिहार राज्य की संयुक्त परियोजना है। इसके द्वारा उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, देवरिया, महराजगंज जिलों में सिंचाई की जाती है।

पूर्वी यमुना नहर –

यह राज्य की सबसे प्राचीन नहर है, यह शाहजहाँ द्वारा खुदवाई गयी थी। इसका पुनर्निर्माण 1830 में किया गया था। यह फ़ैजाबाद ( सहारनपुर ) के निकट यमुना नदी से निकलती है। शाखाओं सहित इसकी कुल लंबाई 1440 किलो मीटर है।

ऊपरी गंगा नहर –

इस नहर निर्माण 1840 से 1854 के बीच किया गया। यह हरिद्वार ( उत्तराखंड ) के निकट गंगा से निकाली गयी है। मुख्य नहर की लंबाई मात्र 340 किलो मीटर है परन्तु सभी शाखाओं और उप-शाखाओं को मिलाकर इसकी लंबाई 5640 किलो मीटर है।

मध्य गंगा –

बिजनौर के निकट बाँध बनाकर इस नहर को निकाला गया है। आगे चलकर इसे ऊपरी गंगा नहर से मिलाया गया है।

निचली गंगा नहर –

यह नहर बुलंदशहर के नरौरा से निकाली गयी है। इसका निर्माण 1872 से 1878 के बीच हुआ। इस नहर की दो शाखाएँ है – कानपुर शाखा और इटावा शाखा। शाखाओं और उप-शाखाओं सहित इसकी कुल लंबाई 8800 किलो मीटर है।

आगरा नहर –

यह दिल्ली के ओखला नामक स्थान से यमुना नदी से निकलती है। शाखाओं और उप-शाखाओं सहित इसकी कुल लंबाई 1600 किलो मीटर है।

धसान नहर –

यह नहर धसान नदी ( बेतवा सहायक ) से निकलती है। इसके द्वारा हमीरपुर जिले में सिंचाई की जाती है।

सपरार नहर –

यह नहर झाँसी जिले में सपरार नदी पर बाँध बनाकर निकाली गयी है। इसके द्वारा झाँसी व हमीरपुर जिले में सिंचाई की जाती है।

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